प्राइवेट सेक्टर के पूंजीगत खर्च बढ़ाने और डेटा सेंटर्स की कैपिसिटी बढ़ने से एनर्जी की डिमांड बढ़ी है। उधर, कमर्शियल और रेजिडेंशियल इस्तेमाल बढ़ने से भी बिजली की मांग में उछाल आया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, अगले तीन सालों में इंडिया में बिजली की मांग सालाना 6.3 फीसदी की दर से बढ़ेगी। यह 2015-2024 के बीच 5 फीसदी की एवरेज ग्रोथ से ज्यादा है। बिजली की इस बढ़ती मांग और पावर ट्रांसमिशन सिस्टम को अपग्रेड करने की जरूरत को देखते हुए सरकार ट्रांसमिशन प्रोजेक्ट्स पर 2030 तक 3.4 लाख करोड़ (ट्रिलियन) रुपये खर्च करने जा रही है।
