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पावर इक्विपमेंट कंपनियों के शेयरों के लिए आने वाले हैं अच्छे दिन

ट्रांसमिशन प्रोजेक्ट्स पर पूंजीगत खर्च बढ़ने से पावर इक्विपमेंट्स की मांग बढ़ेगी। पावर इक्विपमेंट्स में ट्रांसफॉरमर्स, स्टैटकॉम्स, सर्किट ब्रेकर्स और स्विचगियर्स आदि शामिल हैं। ब्रोकरेज फर्म ICICI Securities की रिपोर्ट में इस बारे में बताया गया है

MoneyControl Newsअपडेटेड Apr 17, 2025 पर 5:10 PM
पावर इक्विपमेंट कंपनियों के शेयरों के लिए आने वाले हैं अच्छे दिन
एक रिपोर्ट के मुताबिक, अगले तीन सालों में इंडिया में बिजली की मांग सालाना 6.3 फीसदी की दर से बढ़ेगी।

प्राइवेट सेक्टर के पूंजीगत खर्च बढ़ाने और डेटा सेंटर्स की कैपिसिटी बढ़ने से एनर्जी की डिमांड बढ़ी है। उधर, कमर्शियल और रेजिडेंशियल इस्तेमाल बढ़ने से भी बिजली की मांग में उछाल आया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, अगले तीन सालों में इंडिया में बिजली की मांग सालाना 6.3 फीसदी की दर से बढ़ेगी। यह 2015-2024 के बीच 5 फीसदी की एवरेज ग्रोथ से ज्यादा है। बिजली की इस बढ़ती मांग और पावर ट्रांसमिशन सिस्टम को अपग्रेड करने की जरूरत को देखते हुए सरकार ट्रांसमिशन प्रोजेक्ट्स पर 2030 तक 3.4 लाख करोड़ (ट्रिलियन) रुपये खर्च करने जा रही है।

पावर इक्विपमेंट्स की मांग बढ़ेगी

ट्रांसमिशन प्रोजेक्ट्स पर पूंजीगत खर्च बढ़ने से पावर इक्विपमेंट्स की मांग बढ़ेगी। पावर इक्विपमेंट्स में ट्रांसफॉरमर्स, स्टैटकॉम्स, सर्किट ब्रेकर्स और स्विचगियर्स आदि शामिल हैं। ब्रोकरेज फर्म ICICI Securities की रिपोर्ट में इस बारे में बताया गया है। इससे पावर सेक्टर के लिए इक्विपमेंट्स बनाने वाली कैपिटल गुड्स कंपनियों को नए ऑर्डर मिलेंगे। ऐसी कंपनियों में Power Grid, Adani Energy और KEC International शामिल हैं।

पावर इक्विपमेंट कंपनियों की ऑर्डरबुक स्ट्रॉन्ग

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