Get App

Quick-commerce stocks : बाजार की नजर आज क्विक-कॉमर्स स्पेस पर, जानिए क्या है इसकी वजह

Quick-commerce stocks : BOFA का कहना है कि BLINKIT की 10 मिनट डिलीवरी में 50 फीसदी से ज्यादा बाजार हिस्सेदारी है। पिछले साल के मुकाबले ग्रोथ में सुधार है। कंपनी की मजबूत लीडरशिप रही है। 3-4 महीने में कंपिटीशन का स्तर घटा है। क्विक-कॉमर्स प्लेयर्स का विस्तार से ज्यादा मुनाफे पर फोकस है

MoneyControl Newsअपडेटेड Sep 24, 2025 पर 2:32 PM
Quick-commerce stocks : बाजार की नजर आज क्विक-कॉमर्स स्पेस पर, जानिए क्या है इसकी वजह
BOFA का कहना है कि BLINKIT की 10 मिनट डिलीवरी में 50 फीसदी से ज्यादा बाजार हिस्सेदारी है। पिछले साल के मुकाबले ग्रोथ में सुधार है। कंपनी की मजबूत लीडरशिप रही है

Quick-commerce stocks : बाजार की नजर आज क्विक-कॉमर्स स्पेस पर है। दरअसल, स्विगी अपने क्विक-कॉमर्स बिजनेस को अपनी सब्सिडियरी Instamart को ट्रांसफर करेगी ताकि क्विक-कॉमर्स कारोबार पर खास ध्यान दिया जा सके हैं। स्विगी के इस फैसले के पीछे क्या तर्क? इससे Q-comm में कंपिटीशन का स्पेस कितना बदलेगा। Q-comm की बदली हुई तस्वीर समझाते हुए सीएनबीसी-आवाजड की कंचन नौटियाल ने कहा कि

क्विक-कॉमर्स के किंग्स की बात करें तो इसमें ब्लिंकिट, जेप्टो और इंस्टामार्ट के नाम शामिल हैं। ब्लिंकिट की बाजार हिस्सेदार 46 फीसदी है। वहीं,जेप्टो की हिस्सेदारी 29 फीसदी और इंस्टामार्ट की हिस्सेदारी 24 फीसदी है। ब्लिंकिट के अभी 1,544 डार्क स्टोर हैं। इनको दिसंबर 2025 तक बढ़ाकर 2,000 करने का लक्ष्य है। वहीं, इंस्टामार्ट के डार्क स्टोरों की संख्या 1,062 है।

ब्लिंकिट की औसत ऑर्डर वैल्यू 669 रुपए और इंस्टामार्ट की औसत ऑर्डर वैल्यू 612 रुपए है। ब्लिंकिट के औसत मंथली ग्राहक 1.7 करोड़ हैं। वहीं, इंस्टामार्ट के औसत मंथली ग्राहक 1.1 करोड़ हैं। ब्लिंकिट का EBITDA घाटा 896 करोड़ रुपए रहा है। वहीं, इंस्टामार्ट EBITDA घाटा 162 करोड़ रुपए रहा है।

क्विक-कॉमर्स कंपनियों पर ब्रोकरेज की राय

सब समाचार

+ और भी पढ़ें