बीते एक साल में टाटा समूह की कंपनियों के मार्केट कैपिटलाइजेशन को बड़ा झटका लगा है। 9 अक्टूबर, 2024 के मुकाबले आज समूह की कंपनियों का मार्केट कैपिटलाइजेशन 7 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा घटा है। यह करीब 21 फीसदी की गिरावट है। इसका असर स्टॉक मार्केट के प्रमुख सूचकांकों पर पड़ा है। पिछले साल 9 अक्टूबर को टाटा संस के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा का निधन हुआ था। उनका निधन 86 साल की उम्र में हुआ था। हालांकि, एक्सपर्ट्स का कहना है कि टाटा समूह के मार्केट कैपिटलाइजेशन में गिरावट का रतन टाटा की अनुपस्थिति से कोई रिश्ता नहीं है।
बीते एक साल में सेंसेक्स-निफ्टी का रिटर्न 0.7 फीसदी
बीता एक साल ग्लोबल इकोनॉमी के लिए काफी चुनौतीपूर्ण रहा है। डिमांड कमजोर रही है। Tata Group की कई कंपनियों को अपने सेक्टर से जुड़े चैलेंजेज का भी सामना करना पड़ा है। टाटा समूह की कंपनियों की वैल्यूएशन में गिरावट मार्केट ट्रेंड्स के मुताबिक है। बीते एक साल में Sensex और Nifty का रिटर्न 0.7 फीसदी रहा है। लेकिन, BSE Midcap 4.7 फीसदी और BSE Smallcap 5.5 फीसदी फिसले हैं।
Tejas Network की वैल्यूएशन सबसे ज्यादा 50% घटी
टाटा समूह की 23 लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैपिटलाइजेशन एक साल पहले 33.57 लाख करोड़ रुपये था। यह गिरकर 26.39 लाख करोड़ रुपये पर आ गया है। सबसे ज्यादा 50 फीसदी की गिरावट Tejas Network में आई है। दूसरे पर Trent है, जो 44 फीसदी गिरा है। TCS की वैल्यूएशन 29 फीसदी और Tata Motors की वैल्यूएशन 28 फीसदी कम हुई है। ओरिएंट होटल्स और टीआरएफ का मार्केट कैपिटलाइजेशन 24 फीसदी गिरा है। Voltas 23 फीसदी, टाटा केमिकल्स 18 फीसदी और Tata Power में 16 फीसदी गिरावट आई है। टाटा कम्युनिकेशंस और Nelco में से दोनों 13-13 फीसदी गिरे हैं।
टाटा समूह की इन कंपनियों में तेजी
टाटा समूह की कुछ कंपनियों के शेयरों में बीते एक साल में तेजी देखने को मिली है। इनमें टाटा कंज्यूर 0.2 फीसदी, टाइटन 2 फीसदी, इंडियन होटल्स 5 फीसदी और टाटा स्टील में 8 फीसदी तेजी आई है। टाटा इनवेस्टमेंट कॉर्प 40 फीसदी चढ़ा है, जबकि बनारस होटल्स में 14 फीसदी तेजी आई है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि समूह की हर कंपनी की अलग तरह की दिक्कत रही है। उदाहरण के लिए TCS के शेयरों पर आईटी सेक्टर से जुड़ी दिक्कतों का असर पड़ा है।
कंपनियों पर सेक्टर से जुड़े चैलेंजेज का असर
टाटा टेक्नोलॉजीज के शेयरों में लिस्टिंग के बाद जबर्दस्त तेजी आई थी। लेकिन, बाद में प्रतिद्वंद्वी कंपनियों के शेयरों में गिरावट के साथ टाटा टेक्नोलॉजीज के शेयर भी गिरे। टाटा मोटर्स के शेयरों पर उसके जेएलआर बिजनेस के चलते दबाव दिखा है। टाटा मोटर्स के रेवेन्यू और प्रॉफिट में JLR की हिस्सेदारी 80 फीसदी है। हाल में जेएलआर के यूके प्लांट को साइबर अटैक का सामना करना पड़ा है।