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RBI MPC : बाजार की RBI पॉलिसी से ज्यादा टैरिफ वॉर पर है नजर, अक्टूबर पॉलिसी में रेट कट की उम्मीद- एक्सपर्ट्स

RBI MPC : बाजार की पॉलिसी से ज्यादा नजर टैरिफ वॉर पर है। इस समय सिस्टम में जरुरत से ज्यादा लिक्विडिटी है। क्रेडिट ऑफटेक में कमी की दिक्कतें हैं। ऑटो, पेंट औ टाइल सेक्टर में ज्यादा एक्शन नहीं है। घरेलू कंजम्प्शन पर प्रेशर दिख रहा है। फेस्टिव सीजन से घरेलू कंजम्प्शन में सुधार संभव है

MoneyControl Newsअपडेटेड Aug 06, 2025 पर 12:42 PM
RBI MPC : बाजार की RBI पॉलिसी से ज्यादा टैरिफ वॉर पर है नजर, अक्टूबर पॉलिसी में रेट कट की उम्मीद- एक्सपर्ट्स
CRISIL के सीनियर डायरेक्टर और चीफ इकोनॉमिस्ट डी के जोशी ने कहा कि RBI को इस समय ग्रोथ में डाउनसाइड रिस्क नजर नहीं आ रहा है। सितंबर से CRR कट लागू होगा

RBI MPC ने आज ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। MPC का रुख भी 'NEUTRAL' पर बरकरार है। महंगाई दर अनुमान से कम बनी हुई है। टैरिफ को लेकर अनिश्चितता भी कायम है। दरों में अब तक हुए 100 बेसिस प्वाइंट कटौती का इकोनॉमी में पूरा असर दिखना अभी बाकी है। वित्त वर्ष 2026 के लिए रियल GDP में 6.5 फीसदी ग्रोथ का अनुमान कायम है। वित्त वर्ष 2026 के लिए रिटेल महंगाई अनुमान 3.7 फीसदी से घटाकर 3.1 फीसदी कर दिया गया है। विदेशी मुद्रा भंडार की स्थिति मजबूत बनी हुई है। आरबीआई गवर्नर का कहा है कि बैंकिंग सिस्टम में पर्याप्त लिक्विडिटी सुनिश्चित की जाएगी। लिक्विडिटी मैनेजमेंट को लेकर RBI का लचीला नजरिया है।

आज की RBI पॉलिसी पर बात करते हुए Piper Serica के अभय अग्रवाल ने कहा कि बाजार की पॉलिसी से ज्यादा नजर टैरिफ वॉर पर है। इस समय सिस्टम में जरुरत से ज्यादा लिक्विडिटी है। क्रेडिट ऑफटेक में कमी की दिक्कतें हैं। ऑटो, पेंट औ टाइल सेक्टर में ज्यादा एक्शन नहीं है। घरेलू कंजम्प्शन पर प्रेशर दिख रहा है। फेस्टिव सीजन से घरेलू कंजम्प्शन में सुधार संभव है।

CRISIL के सीनियर डायरेक्टर और चीफ इकोनॉमिस्ट डी के जोशी ने कहा कि RBI को इस समय ग्रोथ में डाउनसाइड रिस्क नजर नहीं आ रहा है। सितंबर से CRR कट लागू होगा।। इस साल भी 6.5 फीसदी ग्रोथ तक पहुंचा जा सकता है। अक्टूबर पॉलिसी में रेट कट की उम्मीद है।

CSB बैंक के ट्रेजरी हेड आलोक सिंह ने कहा कि रेट कट ट्रांसमिशन में 2-3 तिमाही लगते हैं। दरों में अब तक हुए 100 बेसिस प्वाइंट कटौती का इकोनॉमी में पूरा असर दिखना अभी बाकी है। आरबीआई किसी और रेट कट के पहले अब हुई कटौती का पूरा असर देखना चाहेगा। इस बार पहले से ही रेट कट की उम्मीद नहीं थी। ग्लोबल डिमांड में सुस्ती नजर आ रही है। ऐसे में US में रेट कट की संभावना बढ़ती जा रही है। भारत में भी आगे रेट कट देखने को मिले।

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