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Why REC Shares recovers: आरबीआई के ड्राफ्ट पर दो दिन ढह गए थे शेयर, फिर आज क्यों लौटी तगड़ी खरीदारी?

Why REC Shares sharply recovers: केंद्रीय बैंक RBI ने प्रोजेक्ट फाइनेंसिंग के लिए गाइडलाइंस ड्राफ्ट किया है। इसके चलते लगातार दो कारोबारी दिनों में आरईसी (रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कॉरपोरेशन) के शेयर ढह गए थे। हालांकि अब जब कंपनी के मैनेजमेंट ने इसे लेकर खास बयान दिया है जिसके चलते शेयरों की खरीदारी बढ़ गई और भाव फटाक से उछल गए

Edited By: Moneycontrol Newsअपडेटेड May 08, 2024 पर 3:58 PM
Why REC Shares recovers: आरबीआई के ड्राफ्ट पर दो दिन ढह गए थे शेयर, फिर आज क्यों लौटी तगड़ी खरीदारी?
REC के शेयर पिछले साल 19 मई 2023 को 127.40 रुपये के भाव पर थे। इस लेवल से एक साल से भी कम समय में यह 345 फीसदी से अधिक उछलकर पिछले हफ्ते 3 मई 2024 को 567.05 रुपये की ऊंचाई पर पहुंच गया।

Why REC Shares sharply recovers: केंद्रीय बैंक RBI ने प्रोजेक्ट फाइनेंसिंग के लिए गाइडलाइंस ड्राफ्ट किया है। इसके चलते लगातार दो कारोबारी दिनों में आरईसी (रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कॉरपोरेशन) के शेयर ढह गए थे। हालांकि अब जब कंपनी के मैनेजमेंट ने कॉन्फ्रेंस कॉल में आरबीआई के ड्राफ्ट गाइडलाइंस के असर को स्पष्ट किया। मैनेजमेंट ने कहा कि इसका कंपनी के कारोबार पर कोई प्रतिकूल असर नहीं पड़ेगा। इसके चलते ही आरईसी के शेयर फटाक से 7 फीसदी से अधिक उछलकर 543.20 रुपये पर पहुंच गए। मुनाफावसूली के चलते भाव में नरमी आई लेकिन अब भी यह काफी मजबूत स्थिति में है। आज BSE पर यह 5.39 फीसदी की तेजी के साथ 534.10 रुपये पर बंद हुआ है। पीएफसी और इरेडा के शेयरों में भी अच्छी तेजी रही। पीएफसी करीब 5 फीसदी और इरेडा 2 फीसदी उछल गया।

REC पर क्यों नहीं पड़ेगा असर?

आरबीआई ने गाइडलाइंस के मसौदे पर प्रतिक्रियाएं मंगाए हैं। आरईसी के एमडी विवेक कुमार देवनगन का कहना है कि आरईसी एक एनबीएफसी है जो इंडियन अकाउंट स्टैंडर्ड को फॉलो करता है। उन्होंने कहा कि जो बैंक इंडियन अकाउंटिंग स्टैंडर्ड्स नहीं फॉलो करते हैं, उनके कॉस्ट में बढ़ोतरी का कुछ हिस्सा कर्जदारों पर पड़ेगा। मैनेजमेंट का कहना है कि कंपनी के लोन पर राज्य सरकार की गारंटी है और आरबीआई के नियम ऐसे लोन पर नहीं लागू होते हैं जिस पर सरकार की गारंटी रहती है। हालांकि आरईसी के एमडी ने आगे यह भी कहा कि तीन साल की अवधि में ड्राफ्ट गाइडलाइंस का असर कंपनी के टियर-1 कैपिटल पर पड़ेगा। कंपनी के मैनेजमेंट का कहना है कि वर्ष 2030 तक एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) डबल कर 12.5 हजार करोड़ डॉलर पर ले जाने का लक्ष्य रखा है जो एक साल पहले यानी 2029 तक भी हासिल हो सकता है।

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