सेबी ने स्टॉक एक्सचेंजों से जुड़े कई नियमों को आसान बनाने का प्रस्ताव पेश किया है। इनमें ब्रोकर्स के डिफॉल्ट करने पर क्लेम फाइल करने की समयसीमा तय करने का प्रस्ताव शामिल है। रेगुलेटर एक्सक्लूसिवली लिस्टेड कंपनियों के प्रमोटर्स के लिए नियमों को सख्त बनाना चाहता है। रेगुलेटर ने एक्सचेंज के इक्विटी और डेरिवेटिव सेगमेंट के इनवेस्टर प्रोटेक्शन फंड्स (आईपीएफ) के विलय का भी प्रस्ताव दिया है। हालांकि, सेबी के ज्यादातर प्रस्ताव का फोकस एक्सचेंजों के ईज ऑफ डूइंग बिजनेस पर है।