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रिलायंस और मेटा मिलकर बनाएंगे ₹855 करोड़ का ज्वाइंट वेंचर, भारत में एंटरप्राइज AI को देंगे नया आकार

Reliance Industries AGM 2025: रिलायंस इंडस्ट्रीज ने फेसबुक की पैरेंट कंपनी मेटा (Meta) के साथ एक ज्वाइंट वेंटर बनाने का ऐलान किया है। यह ज्वाइंट वेंचर भारत में कंपनियों के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से जुड़े सॉल्यूशंस बनाने और स्केल करने की दिशा में काम करेगा। रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर मुकेश अंबानी ने शुक्रवार को कंपनी की 48वीं AGM में इसका ऐलान किया

Edited By: Vikrant singhअपडेटेड Aug 29, 2025 पर 6:30 PM
रिलायंस और मेटा मिलकर बनाएंगे ₹855 करोड़ का ज्वाइंट वेंचर, भारत में एंटरप्राइज AI को देंगे नया आकार
Reliance AGM 2025: ज्वाइंट वेंचर में रिलायंस इंडस्ट्रीज की हिस्सेदारी 70% होगी जबकि मेटा की हिस्सेदारी 30% रहेगी

Reliance Industries AGM 2025: रिलायंस इंडस्ट्रीज ने फेसबुक की पैरेंट कंपनी मेटा (Meta) के साथ एक ज्वाइंट वेंटर बनाने का ऐलान किया है। यह ज्वाइंट वेंचर भारत में कंपनियों के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से जुड़े सॉल्यूशंस बनाने और स्केल करने की दिशा में काम करेगा। रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर मुकेश अंबानी ने शुक्रवार 29 अगस्त को कंपनी की 48वीं सालाना जनरल मीटिंग (AGM) में इसका ऐलान किया। उन्होंने इस साझेदारी को "गेम चेंजर" करार देते हुए कहा कि यह सहयोग न केवल भारत में बल्कि चुनिंदा अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी AI को अपनाने की रफ्तार को कई गुना बढ़ा देगा।

इस ज्वाइंट वेंचर में शुरुआती निवेश लगभग 855 करोड़ रुपये (100 मिलियन डॉलर) का होगा। इसमें रिलायंस इंडस्ट्रीज की हिस्सेदारी 70% होगी जबकि मेटा की हिस्सेदारी 30% रहेगी। यह लेन-देन 2025 की चौथी तिमाही तक पूरा होने की उम्मीद है, बशर्ते सभी नियामकीय मंजूरियां समय पर मिल जाएं।

यह साझेदारी मेटा के एडवांस्ड ओपन-सोर्स Llama मॉडल्स का इस्तेमाल करेगी, जिसके जरिए भारत में एक एंटरप्राइज AI प्लेटफार्म-एज-ए-सर्विस तैयार किया जाएगा। यह प्लेटफार्म एक सुरक्षित, फुल-स्टैक मॉडल उपलब्ध कराएगा, जिससे छोटे-बड़ी संस्थान अपने हिसाब से जेनरेटिव एआई मॉडल को कस्टमाइज, डिप्लॉय और नियंत्रित कर सकेंगे।

मुकेश अंबानी ने कहा कि यह कदम भारत के हर संस्थान को को एंटरप्राइज-ग्रेड एआई तक पहुंच उपलब्ध कराएगा। फिर चाहे वे छोटे और मीडियम साइज के संस्थान हो या बड़े कॉरपोरेट हाउस। उनके मुताबिक, यह वेंचर कंपनियों को न सिर्फ तेजी से इनोवोशन लाने में मदद करेगा बल्कि उनकी दक्षता भी बढ़ाएगा और उन्हें ग्लोबल स्तर पर कॉम्पिटीशन करने योग्य बनाएगा।

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