शेयर बाजार से जा रहे रिटेल निवेशक? दो महीने में बेचे ₹25,300 करोड़ के शेयर
भारतीय शेयर बाजारों में अक्टूबर और नवंबर में मजबूत रिकवरी देखने को मिली, लेकिन इस उछाल में रिटेल निवेशक पूरी तरह गायब नजर आए। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के आंकड़ों के मुताबिक छोटे निवेशकों ने लगातार दूसरे महीने भारी बिकवाली जारी रखी और कुल मिलाकर दो महीनों में 25,300 करोड़ रुपये से अधिक की सेलिंग कर डाली
रिटेल निवेशकों ने 2025 में अब तक लगभग 17,900 करोड़ रुपये की बिकवाली की है
भारतीय शेयर बाजारों में अक्टूबर और नवंबर में मजबूत रिकवरी देखने को मिली, लेकिन इस उछाल में रिटेल निवेशक पूरी तरह गायब नजर आए। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के आंकड़ों के मुताबिक छोटे निवेशकों ने लगातार दूसरे महीने भारी बिकवाली जारी रखी और कुल मिलाकर दो महीनों में 25,300 करोड़ रुपये से अधिक की सेलिंग कर डाली।
अक्टूबर में रिटेल निवेशकों ने करीब 13,776 करोड़ रुपये और नवंबर में 11,544 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। यह वह समय था जब बाजार ने जबरदस्त तेजी दिखाई थी। सेंसेक्स और निफ्टी में अक्टूबर में 4 प्रतिशत से अधिक की तेजी आई और नवंबर में भी लगभग 2 प्रतिशत की मजबूती दिखाई।
ब्रॉडर मार्केट की बात करें तो अक्टूबर में बीएसई मिडकैप इंडेक्स 4.7 प्रतिशत चढ़ा और स्मॉलकैप इंडेक्स 3.22 प्रतिशत ऊपर रहा। हालांकि नवंबर में हालात बदल गए। मिडकैप इंडेक्स सिर्फ 0.4 प्रतिशत चढ़ पाया, जबकि स्मॉलकैप इंडेक्स 3.4 प्रतिशत गिर गया। इस मिलेजुले संकेत ने रिटेल निवेशकों के भरोसे को और कमजोर कर दिया।
मार्केट एनालिस्ट्स का कहना है कि साल की शुरुआत से ही बाजार में जारी उतार-चढ़ाव ने रिटेल निवेशकों की सहनशीलता की परीक्षा ली है। जैसे ही बाजार ने अक्टूबर और नवंबर में चढ़ना शुरू किया, कई रिटेल निवेशकों ने इसे मुनाफावसूली का मौका माना।
जनवरी से सितंबर 2025 के बीच सेंसेक्स और निफ्टी ने करीब 4 प्रतिशत तक ऊपर गए, लेकिन मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स क्रमशः 3 प्रतिशत और 5 प्रतिशत तक टूट गए। इस अंतर ने निवेशकों के फैसलों पर बड़ा असर डाला।
गोल्ड-सिल्वर में बढ़ रहा निवेश
स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट के रिसर्च हेड संतोष मीणा का कहना है कि कई रिटेल निवेशक शेयर मार्केट से पैसे निकालकर गोल्ड और सिल्वर में लगा रहे हैं। इन दोनों धातुओं ने हाल में इक्विटी से बेहतर रिटर्न दिया है। 2025 में अब तक गोल्ड 61 प्रतिशत और सिल्वर 96 प्रतिशत से अधिक उछल चुका है। हालांकि SIP के जरिए शेयर मार्केट में आने वाला फ्लो मजबूत बना हुआ है। वहीं मल्टी-एसेट फंड्स में लंपसंप निवेश बढ़ रहा है।
IPO की बाढ़
रिटेल निवेशकों के पैसे के बंटने की एक और बड़ी वजह है आईपीओ (IPO) की बाढ़। भारत में इस साल IPO की इतनी भीड़ देखी गई है, जितनी पहले कभी नहीं देखी गई। लगभग 95 कंपनियों ने कुल 1.61 लाख करोड़ रुपये के आईपीओ लॉन्च किए, जो किसी भी एक साल में लॉन्च हुआ अब तक सबसे अधिक आईपीओ है। इसने 2024 में बने पिछले रिकॉर्ड को पार कर गया, जब लगभग 91 कंपनियों ने कुल 1.59 लाख करोड़ रुपये जुटाए थे।
एक्सपर्ट्स का क्या है कहना?
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स के रिसर्च हेड विनोद नायर का मानना है कि आईपीओ की बाढ़, प्रमोटर्स की सेलिंग और विदेशी निवेशकों की बिकवाली, इन सभी ने रिटेल निवेशकों के सेंटिमेंट को कमजोर किया है। उन्होंने कहा कि कई निवेशक फिलहाल गोल्ड, फिक्स्ड डिपॉजिट और कैश जैसे सुरक्षित विकल्पों की ओर जा रहे हैं, खासकर त्योहारों और शादी के सीजन के दौरान।
इसके अलावा भारत-अमेरिका ट्रेड डील और फेडरल रिजर्व व RBI की नीतियों जैसे बड़े इवेंट्स ने भी बाजार में एहतियात बढ़ाई है। इंडेक्स के ऑल-टाइम हाई के आसपास पहुंचने के बीच निवेशक ज्यादा मुनाफावसूली कर रहे हैं। हालांकि नायर का कहना है कि लंबे समय के नजरिये से माहौल पॉजिटिव बना हुआ है और रिटेल निवेशक डिप पर खरीदारी की रणनीति जारी रखेंगे। साल 2026 के लिए आउटलुक मजबूत माना जा रहा है।
इस साल कुल 17,900 करोड़ की बिकवाली
2025 के दौरान रिटेल निवेशक ज्यादातर समय नेट सेलर्स ही रहे हैं। पूरे साल में अब तक उन्होंने लगभग 17,900 करोड़ रुपये की बिकवाली की है, जबकि 2024 में उन्होंने 1.66 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया था। इस साल केवल चार महीनों- जनवरी, फरवरी, जुलाई और अगस्त, में ही खरीदारी देखने को मिली, बाकी समय रिटेल निवेशक बाजार से पैसा निकालते रहे।
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