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Rupee Vs Dollar: डॉलर के मुकाबले रुपया बिना किसी बदलाव के 83.25 पर हुआ बंद

Rupee Vs Dollar: कच्चा तेल कल लगातार दूसरे दिन गिरा है। कच्चे तेल की कीमतों में करीब 2 फीसदी की गिरावट आई है। ब्रेंट का भाव कल $83.84 तक गिरा जबकि आज भी ब्रेंट में $85 के नीचे कारोबार कर रहा है। WTI में भी $83 के नीचे कारोबार कर रहा है।

MoneyControl Newsअपडेटेड Oct 06, 2023 पर 4:53 PM
Rupee Vs Dollar:  डॉलर के मुकाबले रुपया बिना किसी बदलाव के 83.25 पर हुआ बंद
डॉलर इंडेक्स 106.50 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। डॉलर का डे हाई 106.52 पर नजर आ रहा है। वहीं डॉलर इंडेक्स का डे लो 106.36 पर नजर आ रहा है।

Rupee Vs Dollar: डॉलर के मुकाबले रुपया बिना किसी बदलाव के 83.25 के स्तर पर बंद हुआ। हालांकि  डॉलर के मुकाबले रुपया आज 3 पैसे मजबूत होकर खुला। डॉलर के मुकाबले रुपया 83.25 के स्तर पर खुला। वहीं गुरुवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 83.24 के स्तर पर बंद हुआ। फिलहाल सुबह 10.44 बजे के आसपास रुपया 83.23 के स्तर पर कारोबार कर रहा था। रुपये का डे हाई 83.25 पर कारोबार कर रहा था। जबकि डे लो 83.17 पर है। वहीं डॉलर इंडेक्स 106.50 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। डॉलर का डे हाई 106.52 पर नजर आ रहा है। वहीं डॉलर इंडेक्स का डे लो 106.36 पर नजर आ रहा है।

इधर RBI ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। RBI ने ब्याज दरें 6.50% पर बरकरार रखा है। RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि महंगाई को लक्ष्य के भीतर रखने को प्रतिबद्ध है। 'WITHDRAWAL OF ACCOMMODATION' रुख कायम है। MPC के 6 में से 5 सदस्य फैसले के पक्ष में है । RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने आगे कहा कि MSF रेट 6.75% पर बरकरार रखा गया है। जबकि SDF रेट 6.25% पर बरकरार है।

शक्तिकांत दास ने FY24 GDP ग्रोथ अनुमान में बदलाव नहीं किया गया है। FY24 GDP ग्रोथ 6.5% का अनुमान रखा गया है। Q2 रियल GDP ग्रोथ 6.5% रहने का अनुमान है। Q3 रियल GDP ग्रोथ 6% रहने का अनुमान है जबकि Q4 रियल GDP ग्रोथ 5.7% रहने का अनुमान है। वहीं Q1FY25 रियल GDP ग्रोथ 6% रहने का अनुमान है। सप्लाई में दबाव से JUL-AUG में महंगाई बढ़ी है।

दूसरी तरफ कच्चा तेल कल लगातार दूसरे दिन गिरा है। कच्चे तेल की कीमतों में करीब 2 फीसदी की गिरावट आई है। ब्रेंट का भाव कल $83.84 तक गिरा जबकि आज भी ब्रेंट में $85 के नीचे कारोबार कर रहा है। WTI में भी $83 के नीचे कारोबार कर रहा है। मांग में गिरावट की आशंका से कच्चे तेल के भाव गिरे है। बाजार को ब्याज दरें लंबे समय तक ऊंची रहने की आशंका है।

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