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3A Capital ओपन ऑफर में रियायत नहीं मिलने पर सेबी के खिलाफ SAT पहुंची, जानिए क्या है यह पूरा मामला

3A कैपिटल की दलील थी कि जब श्री सर्वराया के 65 फीसदी शेयरहोल्डर्स अपने शेयर उसे (3ए कैपिटल) नहीं बेचना चाहते तो ओपन ऑफर से उन्हें बाहर रखा जाना चाहिए। ओपन ऑफर सिर्फ बाकी 5.85 फीसदी शेयरहोल्डर्स के लिए होना चाहिए। सेबी ने यह दलील ठुकरा दी

MoneyControl Newsअपडेटेड Oct 10, 2025 पर 9:33 PM
3A Capital ओपन ऑफर में रियायत नहीं मिलने पर सेबी के खिलाफ SAT पहुंची, जानिए क्या है यह पूरा मामला
ओपन ऑफर का मतलब बाकी शेयहोल्डर्स को अपने शेयर उस कंपनी को बेचने का मौका देना है, जिसने दूसरी कंपनी का अधिग्रहण किया है।

3ए कैपिटल ने सेबी के एक आदेश के खिलाफ सिक्योरिटीज अपैलेट ट्राइब्यूनल (सैट) का दरवाजा खटखटाया है। सेबी ने 3ए कैपिटल को श्री सर्वराया शुगर्स के लिए ओपन ऑफर से उन शेयरहोल्डर्स को बाहर रखने की इजाजत नहीं दी थी, जो टारगेट कंपनी में अपने शेयर नहीं बेचना चाहते थे। 3ए कैपिटल की दलील थी कि चूंकि श्री सर्वराया शुगर्स के 65 फीसदी शेयरहोल्डर्स अपने शेयर बेचना नहीं चाहते और वह (3ए कैपिटल) पहले ही कंपनी में 25 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी खरीद चुकी है, जिससे ओपन ऑफर सिर्फ बाकी 5.85 फीसदी के लिए होना चाहिए।

3ए कैपिटल की दलील सेबी ने नहीं मानी

SEBI ने 3A Capital की इस दलील को मानने से इनकार कर दिया। सेबी ने कंपनी को ओपन ऑफर के मामले में यह रियायत नहीं दी। रेगुलेटर का मानना था कि 3ए कैपिटल को नियम के मुताबिक ओपन ऑफर पेश करना होगा। कंपनी के वकील ने सैट में कहा कि कंपनी को सिर्फ श्री सर्वराया शुगर्स के बाकी शेयरहोल्डर्स के लिए ओपन ऑफर पेश करने की जरूरत है न कि उन शेयरहोल्डर्स के लिए जो खरीदने या बेचने वाली कंपनी के साथ हैं।

3ए कैपिटल ओपन ऑफर में चाहती थी रियायत

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