Rupee vs Dollar: रुपये की गिरावट थम नहीं रही है। आज सोमवार 10 अक्टूबर को एक बार यह रिकॉर्ड निचले स्तर पर फिसल गया। अमेरिकी फेडरल रिजर्व की संभावित सख्त मौद्रिक नीतियों की आशंका के चलते वैश्विक बाजारों में दबाव बना हुआ है। इस वजह से रुपया आज एक डॉलर की तुलना में 82.70 रुपये के भाव पर फिसल गया।
इन कारणों से रुपये पर दबाव
10 साल की अवधि वाले बॉन्ड का यील्ड आठ सेशंस में सात में बढ़ा है और फिलहाल 7.483 फीसदी पर ट्रेड कर रहा है। बॉन्ड यील्ड बढ़ने पर रुपये पर दबाव बनता है। इसके अलावा अमेरिकी रोजगार के आंकड़ों ने भी अप्रत्यक्ष रुप से रुपये पर दबाव बढ़ाया है। पिछले महीने सितंबर में अमेरिकी कंपनियों उम्मीद से अधिक वर्कर्स को काम पर रखा और बेरोजगारी दर गिरकर 3.5 फीसदी पर आ गई।
ऐसे में एनालिस्ट्स का मानना है कि अमेरिकी बेरोजगारी दर में गिरावट से फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में बढ़ोतरी जारी रख सकता है। न्यूज एजेंसी रायटर्स की खबर के मुताबिक शुक्रवार को अमेरिकी फेडरल रिजर्व के गवर्नर क्रिस्टोफर वालर और लिजा कुक ने कहा था कि महंगाई दर पर काबू पाने के लिए ब्याज दरों में बढ़ोतरी जारी रखना होगा।
83 के पार जा सकता है रुपया
एडलवाइस वेल्थ रिसर्च ने अपने हालिया नोट में आकलन किया था कि कच्चे तेल के भाव पर दबाव, अमेरिकी डॉलर की मजबूती और विदेशी फंड के प्रवाह में उतार-चढ़ाव के चलते भारतीय रुपये पर दबाव बनेगा। इसके चलते देश के एक्सटर्नल बैलेंस पर दबाव बनेगा। एडलवाइस के मुताबिक डॉलर की तुलना में रुपये में कमजोरी बनी रहेगी और एक महीने में यह 82 से 83.15 रुपये के बीच बना रह सकता है।