स्टॉक मार्केट के आल-टाइम हाई पर होने से निवेशकों में एक तरफ खुशी है तो दूसरी तरफ थोड़ी घबराहट है। घबराहट की वजह यह है कि मार्केट में लगातर तेजी के बाद उन्हें गिरावट का डर सता रहा है। दूसरा, उन्हें यह समझ नहीं आ रहा कि फिलहाल कहां निवेश करने से आगे अच्छी कमाई हो सकती है। मनीकंट्रोल ने इन सवालों के जवाब जानने के लिए Samco Mutual Fund के सीआईओ उमेश कुमार मेहता से बातचीत की। उन्होंने स्टॉक मार्केट और इनवेस्टमेंट को लेकर कई अहम बाते बताईं।
मैन्युफैक्चरिंग पर फोकस जारी रहेगा
कैपिटल मार्केट में 24 साल से ज्यादा का अनुभव रखने वाले मेहता ने कहा कि निवेशकों को इंडिस्ट्रियल स्टॉक्स की अनदेखी नहीं करनी चाहिए। इसकी वजह यह है कि सरकार का फोकस 'मेक इन इंडिया' पर बने रहने की उम्मीद है। सरकार इसके लिए PLI जैसी स्कीम का दायरा बढ़ा सकती है। लोकसभा चुनावों के नतीजें अनुमान के मुताबिक रहते हैं तो सरकार की पॉलिसी में बदलाव देखने को नहीं मिलेगा। इसलिए निवेशकों को इंडस्ट्रियल स्टॉक्स के अनदेखी नहीं करनी चाहिए।
निवेश में बॉटम-अप एप्रोच जरूरी
मेहता ने कहा कि अभी के माहौल में निवेशकों को बॉटम-अप एप्रोच अपनाना चाहिए। इसका मतलब यह है कि उन्हें इकोनॉमी और दूसरी बातों की फिक्र किए बगैर उन कंपनियों के स्टॉक्स में निवेश करना चाहिए, जिनके फंडामेटल्स अच्छे हैं। ऐसी कई कंपनियां हैं, जिनकी वित्तीय स्थिति मजबूत है, कर्ज का बोझ कम है और मैनेजमेंट अच्छा है। उन्होंने कहा कि ऑटो स्टॉक्स में पिछले कुछ समय से बहुत अच्छी तेजी है। इसलिए अभी उनमें निवेश करना ठीक नहीं होगा।
जल्द आईपीओ मार्केट की रौनक लौटेगी
नए आईपीओ लॉन्चिंग में कमी के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि इसकी वजह यह है कि आईपीओ मार्केट में बुलबुला बनने की चर्चा शुरू हो गई थी। खासकर म्यूचुअल फंडों के लिक्विडिटी डिसक्लोजर के बाद मिडकैप और स्मॉलकैप में बुलबुला बनने की आशंका जताई जा रही थी। लेकिन, अब स्मॉलकैप और मिडकैप इससे बाहर आ रहे हैं। इससे आईपीओ मार्केट में फिर से तेजी की उम्मीद है। इसकी बड़ी वजह यह है कि मार्केट में अब भी माहौल पॉजिटिव है।
चीन की इकोनॉमी में रिकवरी
क्या इस साल चीन की इकोनॉमी की चमक लौट आएगी? इस सवाल के जवाब में मेहता ने कहा कि चीन को लो बेस इफेक्ट का फायदा मिलेगा। चीन के लिए यह साल पिछले साल के मुकाबले बेहतर दिख रहा है। मैन्युफैक्चरिंग इंडेक्स में रिकवरी दिख रही है। इक्विटी में गिरावट के बाद तेजी लौट सकती है। चीन की सरकार इकोनॉमी की गाड़ी को पटरी पर लाने की कोशिश कर रही है।
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