सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने ऑफर-फॉर-सेल (OFS) के मौजूदा नियमों में बदलाव किया है। इसके तहत अब गैर-प्रमोटर शेयरधारकों को भी OFS के जरिए अपने शेयर बेचने की मंजूरी दे दी गई है। अभी तक सिर्फ प्रमोटरों और प्रमोटर ग्रुप की कंपनियों को ही OFS के जरिए अपने शेयर बेचने की इजाजत थी। SEBI ने कहा, "अगर कोई गैर-प्रमोटर शेयरधारक OFS सिस्टम के जरिए शेयरों को बिक्री के लिए रखता है, तो उस कंपनी के प्रमोटर या प्रमोटर ग्रुप भी इन शेयरों को खरीदने के लिए OFS में भाग ले सकता है। बशर्ते सेबी के किसी लागू प्रावधान का उल्लंघन न हो रहा हो।"
SEBI ने कहा कि नए नियम 9 फरवरी से 2023 से लागू होंगे।
SEBI ने कहा, नए नियमों के तहत 1,000 करोड़ रुपये और उससे अधिक के मार्केट कैपिटलाइजेशन वाली कंपनियों के लिए भी OFS सिस्टम उपलब्ध होगा। मार्केट कैपिटलाइजेशन का कैलकुलेशन OFS खुलने के महीने से पहले के छह महीने की अवधि के दौरान रहे औसत डेली मार्केट कैप के रूप में की जाएगी।
सेबी ने कहा कि OFS का न्यूनतम साइज 25 करोड़ रुपये होना चाहिए। SEBI ने कहा, "हालांकि, प्रमोटरों या प्रमोटर ग्रुप की संस्थाओं की ओर से ऑफर का साइज 25 करोड़ रुपये से कम हो सकता है ताकि एक ही बार में न्यूनतम पब्लिक शेयरहोल्डिंग के शर्तों को पूरा किया जा सके।"
ऑपरेशनल जरूरतों पर सेबी की गाइडलाइंस में कहा गया है कि विक्रेता अपनी हिस्सेदारी को OFS मार्ग के जरिए बेचने के लिए "ब्रोकर्स को नियुक्त करेंगे।" विक्रेता का ब्रोकर, योग्य खरीदारों की ओर से लेनदेन भी कर सकता है।
रिटेल निवेशकों को छूट दिए जाने पर सेबी ने कहा कि 'रिटेल निवेशकों के लिए छूट और आरक्षित शेयरों के हिस्से से जुड़ी जानकारी स्टॉक एक्सचेंजों को भेजे OFS के नोटिस में "एडवांस में बताया जाना चाहिए।"