बाजार नियामक ने रोशनी नादर मल्होत्रा को उनके पिता और एचसीएल समूह के संस्थापक शिव नादर से एचसीएल टेक्नोलॉजीज लिमिटेड की दो प्रमोटर समूह कंपनियों में मेजोरिटी हिस्सेदारी हासिल करने की मंजूरी दे दी है। यह नादर परिवार के उत्तराधिकार योजना का हिस्सा है। इस ट्रांसफर के बाद, एचसीएल टेक के प्रमोटर और प्रमोटर समूह की कुल हिस्सेदारी 60.82 फीसदी पर बरकरार रहेगी।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा 22 नवंबर को पारित एग्जेम्पशन ऑर्डर ने रोशनी नादर को वामा सुंदरी इन्वेस्टमेंट्स (दिल्ली) प्राइवेट लिमिटेड (वीएसआईपीएल) और एचसीएल कॉर्पोरेशन प्राइवेट लिमिटेड (एचसीएल कॉर्प) के शेयरों का अधिग्रहण करने की अनुमति दे दी है। एचसीएल कॉर्प भारतीय रिजर्व बैंक के साथ पंजीकृत एक नान-डिपॉजिट गैर-बैंकिंग वित्त कंपनी (NBFC) है।
वीएसआईपीएल के पास एचसीएल टेक में 44.17 फीसदी हिस्सेदारी है। एचसीएल कॉर्प के पास भी एचसीएल टेक में 0.17 फीसदी हिस्सेदारी है। रोशनी नादर ने वीएसआईपीएल की 47 फीसदी शेयर पूंजी शिव नादर से तथा एचसीएल कॉर्प की 47 फीसदी शेयर पूंजी शिव नादर से ट्रांसफर करने की अनुमति के लिए सेबी से आवेदन किया था।
वर्तमान में, रोशनी नादर के पास वीएसआईपीएल की 10.33 फीसदी हिस्सेदारी है और शिव नादर के पास 51 फीसदी हिस्सेदारी है। रोशनी नादर के पास एचसीएल कॉर्प की 10.33 फीसदी हिस्सेदारी है। शिव नादर के पास भी एचसीएल कॉर्प की 51 प्रतिशत हिस्सेदारी है। इस ट्रांसफर के बाद, रोशनी नादर के पास वीएसआईपीएल की 57.33 फीसदी हिस्सेदारी होगी और शिव नादर के पास 4 फीसदी हिस्सेदारी होगी। इसी तरह रोशनी नादर के पास एचसीएल कॉर्प की 57.33 फीसदी हिस्सेदारी होगी और शिव नादर के पास 4 फीसदी हिस्सेदारी होगी।
सेबी के आदेश में अन्य बातों के अलावा निम्नलिखित टिप्पणियां की गईं:
1. पेश आवेदन टारगेट कंपनी (एचसीएल टेक) में शेयरों और वोटिंग राइट के प्रस्तावित अप्रत्यक्ष अधिग्रहण के संबंध में है।
2. प्रस्तावित अप्रत्यक्ष अधिग्रहण किसी भी तरह से टारगेट कंपनी के पब्लिक शेयरधारकों के हितों को किसी भी तरह से प्रभावित नहीं करेगा।
3. प्रस्तावित अधिग्रहण के बाद टारगेट कंपनी के नियंत्रण में कोई बदलाव नहीं होगा।
4. टारगेट कंपनी न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता आवश्यकताओं का अनुपालन करना जारी रखेगी।