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SEBI ने BSE पर लगाया ₹25 लाख का जुर्माना, आखिर ऐसी क्या हो गई चूक?

SEBI ने अपना इंस्पेक्शन फरवरी 2021 और सितंबर 2022 के बीच किया था। 15 लाख रुपये का जुर्माना कॉरपोरेट घोषणाओं तक समान और निष्पक्ष पहुंच प्रदान करने में विफलता के लिए, वहीं 10 लाख रुपये का जुर्माना पहले जारी किए गए सर्कुलर्स के उल्लंघन के लिए लगाया है

Edited By: Ritika Singhअपडेटेड Jun 26, 2025 पर 12:58 AM
SEBI ने BSE पर लगाया ₹25 लाख का जुर्माना, आखिर ऐसी क्या हो गई चूक?
BSE की प्रोसेस में में सभी यूजर्स के लिए एक समान पुश मैकेनिज्म की कमी पाई गई।

सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने BSE पर 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। SEBI को अपनी जांच में एक्सचेंज के डिस्क्लोजर सिस्टम और कंप्लायंस प्रोसेस में कमियां मिली हैं। SEBI ने BSE पर 15 लाख रुपये का जुर्माना सिक्योरिटीज कॉन्ट्रैक्ट्स (रेगुलेशन) एक्ट के सेक्शन 23H के तहत कॉरपोरेट घोषणाओं तक समान और निष्पक्ष एक्सेस उपलब्ध कराने में विफल रहने के लिए लगाया है। वहीं 10 लाख रुपये का जुर्माना 2004, 2011 और 2021 में जारी किए गए सर्कुलर्स के उल्लंघन के लिए SEBI एक्ट के सेक्शन 15HB के तहत लगाया है।

SEBI ने अपना इंस्पेक्शन फरवरी 2021 से सितंबर 2022 के दौरान किया। इस अवधि में BSE के सिस्टम आर्किटेक्चर ने एक्सचेंज की लिस्टिंग कंप्लायंस मॉनिटरिंग टीम और पेड क्लाइंट्स को कॉरपोरेट फाइलिंग्स की एक्सेस, इन फाइलिंग्स के पब्लिक होने से पहले ही उपलब्ध करा दी। SEBI ने पाया कि BSE की प्रोसेस में सभी यूजर्स के लिए एक यूनिफॉर्म पुश मैकेनिज्म की कमी थी।

SEBI ने यह भी पाया कि BSE उन ब्रोकर्स के खिलाफ कार्रवाई करने में नाकाम रहा, जो अक्सर क्लाइंट कोड में बदलाव करते थे। इसके अलावा एक्सचेंज ने एरर अकाउंट्स से किए गए ट्रेड्स का पर्याप्त रिव्यू नहीं किया और उचित जांच के बिना अनरिलेटेड इंस्टीट्यूशनल क्लाइंट्स के बीच कोड में बदलावों की इजाजत दी।

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