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इंडेक्स डेरिवेटिव्स के सेबी के नए नियमों का मार्केट्स पर कितना पड़ा है असर?

SEBI ने कहा था कि हर एक्सचेंज को सिर्फ एक इंडेक्स में वीकली एक्सपायरी की इजाजत होगी। यह नियम 20 नवंबर से लागू हो गया है। पहले स्टॉक एक्सचेंजों को वीकली, मंथली, क्वार्टर्ली और हाफ-इयर्ली कॉन्ट्रैक्ट की इजाजत थी। इससे रोजाना एक वीकली एक्सपायरी होती थी

MoneyControl Newsअपडेटेड Dec 03, 2024 पर 3:41 PM
इंडेक्स डेरिवेटिव्स के सेबी के नए नियमों का मार्केट्स पर कितना पड़ा है असर?
सेबी ने ब्रोकरेज फर्मों को ऑप्शन बायर्स से अपफ्रंट प्रीमियम लेने को कहा है।

इंडेक्स डेरिवेटिव्स के सेबी के नए नियमों को लेकर काफी चर्चा हुई है। शुरुआत में मार्केट रेगुलेटर के नए नियमों का काफी विरोध देखने को मिला था। छोटे-बड़े ट्रेडर्स का मानना था कि इनसे डेरिवेटिव्स ट्रेड पर खराब असर पड़ेगा। लेकिन, ऐसा लगता है कि ट्रेडर्स अब नए नियमों के साथ तालमेल बैठा रहे हैं। सेबी की तरफ से नए नियमों को लेकर कई सर्कुलर और अपडेट्स जारी किए गए हैं। आइए इनके बारे में विस्तार से जानते हैं।

वीकली इंडेक्स डेरिवेटिव्स पर सेबी के नियम

SEBI ने कहा था कि हर एक्सचेंज को सिर्फ एक इंडेक्स में वीकली एक्सपायरी की इजाजत होगी। यह नियम 20 नवंबर से लागू हो गया है। पहले स्टॉक एक्सचेंजों को वीकली, मंथली, क्वार्टर्ली और हाफ-इयर्ली कॉन्ट्रैक्ट की इजाजत थी। इससे रोजाना एक वीकली एक्सपायरी होती थी। इससे स्पेकुलेटिव ट्रेडिंग काफी बढ़ गई थी। इस वजह से एक्सपायरी डे के करीब ट्रेडर्स कीमतों में होने वाला उतारचढ़ाव पर दांव लगाते थे। मार्केट से जुड़े लोगों का कहना है कि नए नियमों का ब्रोकरेज फर्मों के रेवेन्यू पर काफी असर पड़ा था।

ऑप्शन एक्सपायरी के दिन टेल रिस्क कवरेज में इजाफा

अब ऑप्शन सेलर्स को एक्सपायरी के दिन 2 फीसदी एक्सट्रीम लॉस मार्जिन (ELM) चुकाने को कहा गया है। दिन की शुरुआत में सभाी ऑप्शन सेलर्स को इसे चुकाना होगा। इसका मकसद भी एक्सपायरी के दिन स्पेकुलेटिव ट्रेडिंग पर अंकुश लगाना था। मार्केट से जुड़े लोगों का कहना है कि इसका ऑप्शन बायर्स पर कोई खास नहीं पड़ा है। लेकिन ऑप्शन सेलर्स पर इसका असर दिख सकता है।

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