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सेबी ने कहा कंपनियों पर 67,228 करोड़ रुपये की बकाया रकम की वसूली मुश्किल है

Sebi ने कहा कि कुल बकाया 96,609 करोड़ रुपये में से 65 प्रतिशत रकम यानी कि 63,206 करोड़ रुपये Collective Investment Scheme (CIS) से संबंधित है

Edited By: Sunil Guptaअपडेटेड Nov 03, 2022 पर 11:20 AM
सेबी ने कहा कंपनियों पर 67,228 करोड़ रुपये की बकाया रकम की वसूली मुश्किल है
Sebi ने स्पष्ट किया कि इस तरह के डीटीआर बकाया को अलग करना एक प्रशासनिक अधिनियम है। यह अधिनियम वसूली अधिकारियों को डीटीआर के रूप में अलग की गई रकम को वसूल करने से नहीं रोकेगा

कैपिटल मार्केट रेग्युलेट सेबी (Sebi) ने मार्च 2022 के अंत में 67,228 करोड़ रुपये के बकाया राशि को "difficult to recover (वसूली मुश्किल है ) " कैटेगरी के तहत अलग कर दिया है। कुल मिलाकर रेग्युलेटर के पास 96,609 करोड़ रुपये का बकाया है। इस राशि को संस्थाओं से वसूल करने की आवश्यकता है। इसमें वे कंपनियां भी शामिल हैं जो उन पर लगाए गए जुर्माने का भुगतान करने में असफल रही हैं। मार्केट वॉचडॉग के बकाया शुल्क का भुगतान करने में विफल रही हैं। इसमें वे कंपनियां या संस्थाएं भी शामिल हैं जिन्होंने निवेशकों के पैसे वापस करने के रेग्युलेटर के निर्देश का पालन नहीं किया है। रेग्युलेटर ने कहा कि 96,609 करोड़ रुपये में से 65 प्रतिशत रकम यानी कि 63,206 करोड़ रुपये सामूहिक निवेश योजना (Collective Investment Scheme (CIS) से संबंधित है। इसमें पीएसीएल लिमिटेड (PACL Ltd) और सहारा समूह की कंपनी सहारा इंडिया कमर्शियल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (Sahara India Commercial Corporation Ltd) के पब्लिक इश्यू से संबंधित राशि भी शामिल है।

सेबी के मुताबिक कुल बकाया का 70 प्रतिशत 68,109 करोड़ रुपये विभिन्न अदालतों और अदालत द्वारा नियुक्त समितियों के समक्ष समानांतर कार्यवाही के अधीन है। इन मामलों में सेबी की वसूली की कार्यवाही संबंधित अदालतों या समितियों के निर्देशों के अधीन है।

सेबी ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में 67,228 करोड़ रुपये के बकाया को डिफिकल्ट टू रिकर (Difficult To Recover (DTR) के रूप में वर्गीकृत किया है।

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