Share Market Down: शेयर बाजार इन 7 कारणों से धड़ाम, सेंसेक्स 633 अंकों तक टूटा, लगातार दूसरे दिन गिरावट

Share Market Crash: भारतीय शेयर बाजारों में मंगलवार 9 दिसंबर को लगातार दूसरे दिन भारी गिरावट देखने को मिली। सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 633 अंकों तक टूट गया। वहीं निफ्टी 200 अंकों से अधिक का गोता लगाकर 25,750 के नीचे फिसल गया। मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में गिरावट जारी रही। लगभग सभी सेक्टोरल इंडेक्स भी लाल निशान में कारोबार कर रहे थे

अपडेटेड Dec 09, 2025 पर 4:36 PM
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Share Market Crash: ट्रंप की चावल पर नई टैरिफ लगाने की धमकी ने निवेशकों के मनोबल को कमजोर किया

Share Market Crash: भारतीय शेयर बाजारों में मंगलवार 9 दिसंबर को लगातार दूसरे दिन भारी गिरावट देखने को मिली। सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 633 अंकों तक टूट गया। वहीं निफ्टी 200 अंकों से अधिक का गोता लगाकर 25,750 के नीचे फिसल गया। मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में गिरावट जारी रही। लगभग सभी सेक्टोरल इंडेक्स भी लाल निशान में कारोबार कर रहे थे।

अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप की चावल पर नई टैरिफ लगाने की धमकी ने निवेशकों के मनोबल को और कमजोर किया। इसके अलावा अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक के नतीजों से पहले भी निवेशक जोखिम वाले दांव लेने से बचते दिखे।

हालांकि दोपहर बाद बाजार में कुछ रिकवरी दिखी। कारोबार के अंत में, बीएसई सेंसेक्स 436.41 अंक या 0.51% गिरकर 84,666.28 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं निफ्टी 120.90 अंक या 0.47 फीसदी टूटकर 25,839.65 के स्तर पर बंद हुआ।


मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि शेयर बाजार में आज की इस गिरावट के पीछे 7 बड़े कारण रहे-

1. फेडरल रिजर्व के फैसले को लेकर चिंता

अमेरिकी फेडरल रिजर्व की आज 9 दिसंबर से दो दिवसीय बैठक शुरू हो रही है, जिसे लेकर निवेशकों में बेचैनी बनी हुई है। बाजार को उम्मीद है कि बुधवार को फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में 0.25% की कटौती का ऐलान कर सकता है। बाजार के लोग इस बात पर भी नजर रखे हुए हैं कि नए साल 2026 में दरों में कटौती की रफ्तार कैसी रहेगी और इसे लेकर फेडरल रिजर्व क्या संकेत देता है।

HDFC सिक्योरिटीज के हेड ऑफ प्राइम रिसर्च, देवर्ष वकील ने कहा कि रेट कट की उम्मीद पहले ही कीमतों में शामिल है। उन्होंने कहा, "बाजार अब फेडरल रिजर्व के बयान पर ध्यान देगा ताकि 2026 की पॉलिसी को लेकर संकेत मिल सकें। फेडरल रिजर्व अपनी पॉलिसी स्टेटमेंट, नई आर्थिक उम्मीदें और प्रोजेक्शन जारी करेगा, और चेयरमैन जेरोम पॉवेल प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। निवेशकों को उम्मीद है कि नए 2026 में भी 2 से 4 बार ब्याज दरों में कटौती हो सकती हैं, जब तक कि आर्थिक डेटा में कोई बड़ा बदलाव न आए।"

2. भारतीय चावल पर अमेरिकी टैरिफ की धमकी

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आरोप लगाया कि भारत अमेरिकी बाजार में सस्ते दाम पर चावल "डंप" कर रहा है और उन्होंने संकेत दिया कि वे टैरिफ के जरिए इस पर कार्रवाई करेंगे। इसके चलते भारत के राइस एक्सपोर्ट को लेकर चिंता बढ़ गई है। ट्रंप ने कहा कि भारत को अमेरिकी बाजार में चावल “डंप” नहीं करना चाहिए।

बता दें कि अमेरिका, भारत के बासमती चावल के लिए चौथा सबसे बड़ा बाज़ार है, जहां सालाना 270 हजार मीट्रिक टन चावल निर्यात होता है। ट्रंप के इस बयान के आज राइस एक्सपोर्ट कंपनियों के शेयरों में तगड़ी गिरावट देखने को मिली। कारोबार के दौरान KRBL के शेयर 2.9%, LT फूड्स के शेयर 8%, GRM ओवरसीज के शेयर 4.8% और मिष्ठान फूड्स के शेयर 2.1 फीसदी तक लुढ़क गए।

3. रुपये में कमजोरी

भारतीय रुपया मंगलवार को शुरुआती कारोबार में 10 पैसे टूटकर 90.15 प्रति डॉलर के स्तर पर पहुंच गया। यह गिरावट कंपनियों, इंपोर्टस और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) की ओर से डॉलर की मांग बढ़ने के चलते आई। ट्रेडर्स का कहना है कि मार्केट पार्टिसिपेंट्स अब फेड की बैठक के नतीजों का इंतजार कर रहे हैं, इसलिए वे नए सौदे करने से पहले सावधानी बरत रहे हैं।

4. FII की लगातार बिकवाली

विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने सोमवार को लगातार आठवें दिन भारतीय शेयर बाजार से पैसे निकाले। सोमवार को विदेशी निवेशकों ने 655.59 करोड़ रुपये की बिकवाली की। दिसंबर महीने में अब तक विदेशी निवेशक भारतीय शेयर बाजार से करीब 11,059 करोड़ रुपये की बिकवाली कर चुके हैं। लगातार बिकवाली से बाजार पर दबाव बढ़ जाता है, क्योंकि ग्लोबल अनिश्चितताओं के बीच विदेशी निवेशक जोखिम कम करने की कोशिश करते हैं।

5. कमजोर ग्लोबल संकेत

ग्लोबल बाजारों से संकेत भी मंगलवार कमजोर रहे। एशियाई बाजारों में हांगकांग का हैंग सेंग, साउथ कोरिया का कोस्पी और शंघाई कंपोजिट सभी गिरावट में कारोबार कर रहे थे। अमेरिकी बाजार भी सोमवार को लाल निशान पर बंद हुए, क्योंकि निवेशक फेड के फैसले से पहले सतर्क दिखे।

6. मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में गिरावट जारी

मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में आज भी कमजोरी बनी रही। दोनों इंडेक्स में 1% तक की गिरावट देखने को मिली। इससे पहले सोमवार को भी निफ्टी मिडकैप 100 में 1.83% की भारी गिरावट देखने को मिली थी, जबकि निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 2.61% टूटा गया था। यह 7 अप्रैल 2025 के बाद इस इंडेक्स में किसी एक दिन में आई सबसे बड़ी गिरावट थी। निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स में पिछले 6 दिनों से लगातार गिरावट जारी है।

7. IT शेयरों में भारी दबाव

आईटी सेक्टर भी आज बाजार को नीचे खींचने वालों में शामिल रहा। निफ्टी आईटी इंडेक्स के सभी 10 शेयर लाल निशान में कारोबार कर रहे थे। इनमें कोफोर्ज और पर्सिस्टेंट सिस्टम्स सबसे ज्यादा टूटे।

टेक्निकल चार्ट्स से क्या मिल रहे संकेत?

जियोजित फाइनेंशयिल सर्विसेज के चीफ मार्केट स्ट्रैटेजिस्ट आनंद जेम्स ने कहा कि निफ्टी में शुरुआत में कमजोरी दिख सकती है, लेकिन अगर 25,842 का स्तर बना रहता है तो बाजार रिकवरी की कोशिश कर सकता है। उन्होंने कहा कि अगर निफ्टी 26,000 के ऊपर चला जाता है तो तेजी मजबूत हो सकती है। लेकिन अगर 25,842 का लेवल टूट गया, तो गिरावट बढ़कर 25,650 तक जा सकती है।

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