मार्केट दिशा तलाशने की कोशिश कर रहा है। गुरुवार को Sensex और Nifty50 में लगातार पांचवें सत्र गिरावट देखने को मिली। ट्रे़डर्स थके लग रहे हैं। लेकिन, वे निराश नहीं हैं, क्योंकि ऐसा लगता है कि मार्केट जल्द अपने निचले स्तर से बाहर निकलने की कोशिश कर सकता है। इस स्थिति को देखते हुए 2010 और 2014 के बीच के फेज की याद आती है। तब हाई इनफ्लेशन, प्रॉफिट के कमजोर आंकड़ों और दुनिया में खराब खबरों के बीच शेयरों में गिरावट आ रही थी। हालांकि, उस दौरान भी कुछ स्टॉक्स ने अच्छा परफॉर्म किया था। यह एक्टिव फंड मैनेजर्स के लिए अपनी फीस को सही ठहराने का अच्छा मौका हो सकता है।
