लगातार दो साल बेहतर रिटर्न देने वाले स्मॉल कैप शेयरों का प्रदर्शन इस साल फीका रहा। शेयर बाजार में भारी उतार-चढ़ाव और बैंकों की तरफ से FD पर ब्याज दर बढ़ाने से निवेशक 2022 में इन शेयरों से दूर रहे। हालांकि एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगले साल यानी 2023 में इन स्टॉक्स की स्थिति बेहतर रहेगी। साल 2022 में बीएसई सेंसेक्स (Bse Sensex) ने कई बार रिकॉर्ड ऊंचाई को छुआ और 28 दिसंबर तक करीब 2.92% मजबूत हुआ। हालांकि वहीं BSE स्मॉलकैप इंडेक्स यानी छोटी कंपनियों के शेयरों का सूचकांक इस दौरान 3 प्रतिशत से अधिक नीचे आ गया।
एक्सपर्ट्स ने कहा कि इस साल छोटी और मझोली कंपनियों के शेयरों का प्रदर्शन फीका रहा लेकिन अगले साल इनमें तेजी की उम्मीद है। रूस-यूक्रेन में जंग, महंगाई के बढ़ने और ब्याज दरों में बढ़ोतरी जैसी कई चुनौतियों के चलते इस साल शेयर बाजार में कारोबार काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा।
ब्रोकरेज फर्म स्वस्तिका इन्वेस्टमॉर्ट (Swastika Investmart) के रिसर्च हेड, संतोष मीणा ने कहा, "बैंक इंडस्ट्री को छोड़ दें तो कंपनियों की कमाई बेहतर नहीं होना इसका प्रमुख कारण है। ब्याज दर का बढ़ना भी चिंताजनक रहा क्योंकि छोटी कंपनियों की पूंजी की लागत बड़ी कंपनियों के मुकाबले अधिक होती है। सामान्य तौर पर विदेशी निवेशक बड़ी कंपनियों को चुनते हैं और वे पिछले दो महीने से शुद्ध रूप से खरीदार रहे हैं।"
संतोष मीणा ने कहा, "SIP के जरिए किया जाने वाला नियमित निवेश इस साल रिकॉर्ड ऊंचाई पर रहा और निवेश का अधिकतर हिस्सा बड़ी कंपनियों में गया। इससे बड़ी कंपनियों के शेयरों का प्रदर्शन बाजार के प्रदर्शन से भी बेहतर रहा।" एनालिस्ट्स के अनुसार, मझोली और बड़ी कंपनियों के मुकाबले छोटी कंपनियों के शेयरों के सूचकांक में उतार-चढ़ाव हमेशा अधिक होता है।
2022 में ऐसा रहा स्मॉलकैप और मिडकैप इंडेक्स का प्रदर्शन
इस साल 27 दिसंबर तक BSE स्मॉलकैप इंडेक्स 940.72 अंक यानी 3.19 प्रतिशत नीचे आया। स्मॉलकैप इंडेक्स 18 जनवरी को 31,304.44 अंक के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा था और बाद में यह 20 जून को 52 सप्ताह के निचले स्तर 23,261.39 पर आ गया था।
दूसरी तरफ मिडकैप इंडेक्स 27 दिसंबर तक 215.08 अंक यानी 0.86 प्रतिशत चढ़ा। यह 20 जून को 52 सप्ताह के निचले स्तर 20,814.22 अंक पर और 14 दिसंबर को एक साल के उच्चस्तर 26,440.81 अंक पर पहुंच गया था।
निवेशकों ने जमकर की मुनाफावसूली
MarketsMojo के चीफ इनवेस्टमेंट एडेवाइजर, सुनील दमानिया ने कहा, "मझोली और छोटी कंपनियों के शेयरों के लिहाज से 2022 अच्छा साल नहीं रहा। 2020 और 2021 में इन शेयरों का प्रदर्शन अच्छा रहा था। हालांकि इस साल इनमें जमकर मुनाफावसूली हुई। जिन निवेशकों ने 2020 और 2021 में कम भाव पर ऐसे शेयर खरीदे थे, उन्होंने 2022 में उसे बेचा। इसके चलते मझोली और छोटी कंपनियों के शेयरों का प्रदर्शन 2022 में बड़ी कंपनियों के मुकाबले कमजोर रहा। लेकिन 2023 में यह स्थिति बदल सकती है।"