सरकारी कंपनियों के बोनस, डिविडेंड और स्टॉक स्प्लिट से जुड़े नियमों में आठ साल के बाद बड़ा बदलाव हुआ है। सरकार ने मार्केट की परिस्थितियों से मेल के लिए वर्ष 2016 के बाद पहली बार सेंट्रल पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग्स (PSUs) के कैपिटल रीस्ट्रक्चरिंग से जुड़े नियमों में बदलाव किया है। नए नियमों के तहत अब इक्विटी शेयरों का बायबैक वही पीएसयू कर सकेंगी जिनका नेटवर्थ कम से कम 3 हजार करोड़ रुपये हो। इससे पहले यह लिमिट 2 हजार करोड़ रुपये थी। इसके अलावा कैश रिजर्व की जरूरतों को भी 1000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 1500 करोड़ रुपये कर दिया गया है।