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Stock Crash: आईपीओ प्राइस से आधे भाव पर यह शेयर, आप भी फंसे हैं तीन साल पहले लिस्ट हुई इस कंपनी में?

Stock Crash: नए जमाने की इस कंपनी के शेयर करीब तीन साल पहले घरेलू मार्केट में लिस्ट हुए थे। अब मौजूदा स्थिति की बात करें तो आईपीओ प्राइस से यह आधा हो चुका है। आगे की बात करें तो ब्रोकरेज फर्म एमके ग्लोबल इसे लेकर बुलिश तो है लेकिन जो टारगेट प्राइस फिक्स किया है, वह आईपीओ प्राइस से 17.86 फीसदी नीचे है

Edited By: Moneycontrol Hindi Newsअपडेटेड Apr 09, 2025 पर 4:04 PM
Stock Crash: आईपीओ प्राइस से आधे भाव पर यह शेयर, आप भी फंसे हैं तीन साल पहले लिस्ट हुई इस कंपनी में?
Delhivery के शेयर आईपीओ निवेशकों को 487 रुपये के भाव पर जारी हुए थे। मौजूदा भाव के हिसाब से आईपीओ निवेशक करीब 50 फीसदी घाटे में हैं।

Stock Crash: लॉजिस्टिक्स सर्विसेज मुहैया कराने वाली डेल्हीवरी के शेयरों में आज भी बिकवाली का दबाव दिख रहा है। टूटकर इसके शेयर आईपीओ प्राइस से आधे भाव पर आ गए हैं। हालांकि प्रतिद्वंद्वी ईकॉम एक्सप्रेस (Ecom Express) के अधिग्रहण के ऐलान पर ब्रोकरेज इसके शेयरों को लेकर पॉजिटिव है। इस अधिग्रहण पर 7 अप्रैल को शेयर इंट्रा-डे में 5 फीसदी से अधिक उछल गए थे। हालांकि फिर उसके बाद आज लगातार दूसरे दिन शेयर दबाव में हैं। एक कारोबारी दिन पहले यह 7 फीसदी से अधिक टूटकर बंद हुआ था। आज इंट्रा-डे में बीएसई पर यह 3.62 फीसदी फिसलकर 239.80 रुपये तक आ गया था। दिन के आखिरी में यह 2.17 फीसदी की गिरावट के साथ 243.40 रुपये (Delhivery Share Price) पर बंद हुआ है। डेल्हीवरी को कवर करने वाले 24 एनालिस्ट्स में से 18 ने इसे खरीदारी और 6 ने होल्ड रेटिंग दी है।

Delhivery पर क्यों है ब्रोकरेज फिदा?

डेल्हीवरी ₹1407 की कैश डील में ई-कॉम एक्सप्रेस की 99.4 फीसदी हिस्सेदारी खरीद रही है। ब्रोकरेज फर्म एमके ग्लोबल के मुताबिक दोनों के विलय से बनी कंपनी की थर्ड-पार्टी लॉजिस्टिक्स बी2सी एक्सप्रेस मार्केट में 55-60 फीसदी हिस्सेदारी होगी और यह अपने नजदीकी प्रतिद्वंद्वी से करीब तीन गुना बड़ी होगी। सिर्फ यही नहीं, देश के 97 फीसदी पिन कोड में उपस्थिति से एमके का मानना है कि एक से डेढ़ साल में लागत को लेकर बेहतर माहौल बन जाएगा।

ब्रोकरेज फर्म का कहना है कि नेटवर्क के बेहतर इस्तेमाल से प्रॉफिटेबिलिटी बढ़ेगी। हालांकि नेटवर्क इंटीग्रेशन को लेकर कंपनी का क्या कहना है, ब्रोकरेज फर्म अभी इसका इंतजार कर रही है। दोनों के अधिकतर ग्राहक समान हैं तो एमके को उम्मीद है कि विलय में दिक्कत नहीं आएगी और नेटवर्क इंटीग्रेशन आराम से हो जाएगा। हालांकि सबसे बड़ी चुनौती मीशो से मिल रही है जो तेजी से विस्तार कर रही है और नियर टर्म में डेल्हीवरी के वॉल्यूम को झटका दे सकती है। इन सब बातों को देखते हुए ब्रोकरेज फर्म ने 400 रुपये के टारगेट प्राइस के साथ इसे फिर से खरीदारी की रेटिंग दी है।

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