Stock Market : इन 10 फैक्टर्स पर रखें नजर, अगर अगले हफ्ते बाजार में दांव लगाने की है तैयारी
रेलिगेयर ब्रोकिंग के वीपी-रिसर्च अजीत मिश्रा ने कहा, वैश्विक स्तर पर महंगाई की चिंताओं के चलते बाजारों पर भारी दबाव बना हुआ है। संकेतक गिरावट जारी रहने की ओर इशारा कर रहे हैं
Nifty50 डेली के साथ-साथ वीकली चार्ट पर एक बियरिश कैंडिलस्टिक बना रहा है। इसने एक ही सेशन में 16,400 के साथ-साथ 16,250 का अहम लेवल तोड़ दिया है। इससे बाजार में स्पष्ट घबड़ाहट के संकेत हैं
महंगाई के जोखिम, ग्रोथ की चिंताओं, तेल की ऊंची कीमतों और एफआईआई की बिकवाली से बाजार का सेंटीमेंट बिगड़ गया है। इसके चलते 10 जून को समाप्त सप्ताह के दौरान बाजार में 2 फीसदी से ज्यादा गिरावट दर्ज की गई। अकेले शुक्रवार को ही बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) में 1,000 अंकों से ज्यादा की गिरावट रही।
सप्ताह के दौरान बीएसई सेंसेक्स 1,466 अंक या 2.63 फीसदी टूटकर 54,303 पर और निफ्टी50 (Nifty50) 382.5 अंक यानी 2.3 फीसदी गिरावट के साथ 16,202 पर बंद हुआ।
रेलिगेयर ब्रोकिंग के वीपी-रिसर्च अजीत मिश्रा ने कहा, “वैश्विक स्तर पर महंगाई की चिंताओं के चलते बाजारों पर भारी दबाव बना हुआ है। संकेतक गिरावट जारी रहने की ओर इशारा कर रहे हैं।”
बढ़ती अनिश्चितताओं के बीच सैमको सिक्योरिटीज की हेड (इक्विटी रिसर्च) येशा शाह ने निवेशकों को बाजार को स्पष्ट रूप से एक दिशा मिलने तक बेहद सतर्कता बरतने की सलाह दी है।
अगले हफ्ते बाजार के लिए ये 10 फैक्टर बेहद अहम हो सकते हैं :
महंगाई
Inflation : आरबीआई के वित्त वर्ष 23 के लिए महंगाई का अनुमान 100 बीपीएस बढ़ाकर 6.7 फीसदी किए जाने के बाद खुदरा महंगाई यानी CPI inflation के नंबर अहम फैक्टर होंगे। CPI inflation के नंबर 13 जून को जारी होंगे।
एक्सपर्ट्स को मई में खुदरा महंगाई 7.1-7.3 फीसदी के आसपास रहने का अनुमान है, जबकि पिछले महीने मई 2014 के बाद सबसे ज्यादा 7.79 फीसदी रही थी। केंद्रीय बैंक के लिए मई और जून के महंगाई के आंकड़े खासे अहम होंगे।
फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (Federal Open Market Committee) की दो दिवसीय बैठक 14-15 जून को होगी। मई में उम्मीद से ज्यादा 8.6 फीसदी महंगाई के दर के चलते यह बैठक खासी अहम होगी, जो दिसंबर, 1981 के बाद सबसे ऊंचा स्तर है।
इक्विटी और बॉन्ड्स में उतार-चढ़ाव स्पष्ट रूप से इस बात का संकेत है कि महंगाई अभी भी अपने चरम पर है। इसलिए दरों में बढ़ोतरी के मामले में फेड के आक्रामक रुख पर बाजार की नजर बनी रहेगी।
तेल की कीमतें
Oil Prices : पिछले हफ्ते कच्चे तेल (Crude oil) की कीमतें 120 डॉलर प्रति बैरल के आसपास या उससे ऊपर रहीं, जो पूरे साल के महंगाई अनुमानों के लिए तय 105 डॉलर के आधार से काफी ऊपर है। तेल जरूरतों के लिए आयात पर निर्भर होने के कारण तेल की कीमतें भारत के लिए खासी अहम हैं।
एक्सपर्ट्स ने कहा कि मंदी की आशंका और चीन में कोविड की बंदिशों से तेल की कीमतों पर दबाव बन सकता है, लेकिन जिओपॉलिटिकल टेंशन से कीमतों में मजबूती आ सकती है।
साप्ताहिक आधार पर अंतर्राष्ट्रीय बेंचमार्क Brent crude futures 1.9 फीसदी बढ़कर 122.01 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गया।
Balance of Trade : अगले हफ्ते आने वाले ट्रेड डाटा पर भी बाजार की नजर रहेगी। शुरुआती डाटा के मुताबिक, मई 2022 में ट्रेड डेफिसिट 23.33 अरब डॉलर रहने के संकेत मिले हैं, जो रिकॉर्ड हाई होगा। बीते साल मई में यह 6.33 अरब डॉलर के स्तर पर रहा था। शुरुआती डाटा के मुताबिक, तेल और पेट्रोलियम उत्पादों के चलते इंपोर्ट 56.14 फीसदी बढ़ सकती है। वहीं एक्सपोर्ट 15.46 फीसदी बढ़ने का अनुमान है।
एफआईआई की बिकवाली
जिओपॉलिटिकल टेंशन और केंद्रीय बैंकों के सख्त रुख के बीच महंगाई की चिंताओं के कारण भारत जैसे विकासशील बाजारों में एफआईआई की बिकवाली जारी है। एक्सपर्ट्स ने कहा, इसके चलते भी इक्विटी मार्केट्स की तेजी सीमित होने का अनुमान है। इस हफ्ते एफआईआई ने कुल 12,662 करोड़ रुपये के शेयरों की बिकवाली की, वहीं डीआईआई ने इस दौरान 9,611 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।
रुपया
जिओपॉलिटिकल टेंशन और महंगाई की चिंताओं के बीच एफआईआई की बिकवाली, यूएस बॉन्ड यील्ड्स में मजबूती, तेल की कीमतों में उछाल से शुक्रवार को डॉलर की तुलना में रुपया 77.87 के अपने रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया। यूएस डॉलर इंडेक्स पहले से ही 104 के ऊपर ट्रेड कर रहा है। एक्सपर्ट्स को निकट भविष्य में रुपये के 78.20-78.50 प्रति डॉलर तक कमजोर होने की उम्मीद है।
टेक्निकल व्यू
Nifty50 डेली के साथ-साथ वीकली चार्ट पर एक बियरिश कैंडिलस्टिक बना रहा है। इसने एक ही सेशन में 16,400 के साथ-साथ 16,250 का अहम लेवल तोड़ दिया है। इससे बाजार में स्पष्ट घबड़ाहट के संकेत हैं।
येशा शाह ने अगले सप्ताह आक्रामक रूप से ट्रेड लेने से बचने की सलाह देते हुए कहा, बेंचमार्क 15,900 और 16,100 के सपोर्ट जोन की ओर बढ़ता दिख रहा है। अगर निफ्टी 15,900 से नीचे नहीं गिरता है तो इसके 16,800 के स्तर तक पहुंचने की संभावनाएं हैं।
एफएंडओ संकेत
एक्सपर्ट्स ने कहा, ऑप्शन डाटा से संकेत मिलते हैं कि निफ्टी आने वाले सेशंस में 15,800-16,700 की एक बड़ी रेंज में ट्रेड कर सका है। हालांकि 16,000-16,200 के लेवल स्थायित्व के लिहाज से अहम रहेंगे।
आईसीआईसीआई डायरेक्ट ने कहा, हमें लगता है कि आगे निफ्टी 16,200 के ऊपर कंसॉलिडेट कर सकता है। हालांकि, इसके नीचे 15,800 के स्तर तक बिकवाली का दबाव दिख सकता है।
कॉर्पोरेट एक्शन
आगामी हफ्ते में ये कॉर्पोरेट एक्शन बाजार के लिए अहम हो सकते हैं :
ग्लोबल डाटा प्वाइंट्स
एफओएमसी मीट के लिए अगले हफ्ते इन ग्लोबल डाटा प्वाइंट्स पर बाजार की नजर रहेगी :
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