Share Market Update News: अमेरिकी शेयर बाजार में लगातार चार दिन की गिरावट ने गुरुवार को इनवेस्टर्स को डरा दिया है। फेड के ब्याज दरों में बढ़ोतरी की आशंकाओं से दुनिया भर के बाजारों में कोहराम मचा हुआ है और घरेलू बाजार भी इससे अछूते नहीं दिख रहे हैं। आज कारोबार के अंत में सेंसेक्स 1.29% यानि 770.48 अंक गिरकर 58,766.59 पर बंद हुआ है। दिन भर के कारोबार के दौरान सेंसेक्स ने 58,522.57 का निचला स्तर छुआ है। वहीं निफ्टी 1.22% यानी 216.50 अंक गिरकर 17,542.80 के लेवल पर बंद हुआ है। इंट्रा डे में निफ्टी-50 ने 17,468.45 का निचला लेवल टच किया है।
हालांकि, शुरुआती कुछ मिनटों में बीएसई का मार्केट कैपिटलाइजेशन 1.91 लाख करोड़ घटकर 278.33 लाख करोड़ रुपये रह गया था। ये हैं बाजार में गिरावट की कुछ अहम वजह....
फैक्ट्री प्रोडक्शन में कमी
अगस्त में एशिया में फैक्ट्री एक्टिविटी में सुस्ती दर्ज की गई है। जापान, चीन, दक्षिण कोरिया से ताइवान तक मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में कमजोरी देखने को मिल रही है। ताइवान में सुस्त मांग के संकेतों से पहले से सप्लाई की बाधाओं से जूझ रही कंपनियों की चिंताएं बढ़ गई हैं।
चीन के कारखानों में अगस्त में लगातार दूसरे महीने में उत्पादन में कमी दर्ज की गई है। दरअसल, पहले से प्रॉपर्टी मार्केट के संकेत और कोविड महामारी से जूझ रहे चीन की इकोनॉमी को ऐतिहासिक सूखे के चलते बिजली की कमी से तगड़ा झटका लगा है। पावर कट और फैक्ट्रियों के बंद होने के साथ ही कोविड महामारी के चलते प्रोडक्शन और डिमांड व्यापक रूप से बाधित हुई है।
US selloff: गणेश चतुर्थी के मौके पर बुधवार को भारतीय बाजार बंद रहे। हालांकि, अमेरिका शेयर बाजारों में लगातार चौथे दिन तगड़ी बिकवाली रही। गुरुवार को S&P500 futures 0.70 फीसदी नीचे 3,928 के स्तर पर ट्रेड कर रहा है, जिससे वाल स्ट्रीट में एक और दिन कमजोर शुरुआत के संकेत मिल रहे हैं।
गुरुवार को ज्यादातर एशियाई शेयर बाजारों में गिरावट बनी हुई है। इनवेस्टर्स में ब्याज दरों में बढ़ोतरी और महंगाई की चिंताओं का खासा डर दिख रहा है। टोक्यो, सिडनी, साउथ कोरिया और हॉन्गकॉन्ग में शुरुआती कारोबार में गिरावट बनी हुई है। हालांकि, शंघाई में मामूली तेजी के साथ कारोबार हो रहा है।
शुरुआती कारोबार में भारतीय रुपया 3 पैसे की कमजोरी के साथ डॉलर की तुलना में 79.55 के स्तर पर बना हुआ है। डॉलर इंडेक्स 109 के आसपास बना हुआ है और एशियाई करेंसीज में गिरावट देखने को मिल रही है। फेड के ब्याज दरों में बढ़ोतरी जारी रहने की खबरों से आर्थिक मंदी गहराने की आशंकाएं मजबूत हो रही हैं। इससे रिस्की एसेट्स के लिए डिमांड पर दबाव बन रहा है। फेड अधिकारियों ने जोर देकर कहा है कि ब्याज दरों में कटौती अगले साल के अंत तक देखने को मिलेगी।
Technical factors : मंगलवार को बाजार में एक तगड़ी रैली के बाद, इंडेक्स 17,815-17,900 के तात्कालिक रेजिस्टैंस जोन के नजदीक था। एनालिस्ट्स व्यापक रूप से 17,200-18,000 की ब्रॉड रेंज में शॉर्ट टर्म कंसोलिडेशन की उम्मीद कर रहे हैं।