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Stock market : कॉर्पोरेट अर्निंग्स में सुधार को लेकर अच्छे संकेत, गिरावट पर खरीदारी की रणनीति करेगी काम

Market outlook : ट्रेड और टैरिफ को लेकर बनी अनिश्चितता के बीच निवेशकों का रुझान सतर्कता बनाए रखने का रहा। घरेलू स्तर पर, पीएमआई के आंकड़े मिले-जुले रहे, जबकि दरों में कटौती के बावजूद जीएसटी संग्रह में मजबूती बनी रही। इससे आर्थिक विकास की गति में तेजी और कॉर्पोरेट अर्निंग्स में सुधार को लेकर अच्छे संकेत मिल रहे हैं

MoneyControl Newsअपडेटेड Nov 08, 2025 पर 3:04 PM
Stock market : कॉर्पोरेट अर्निंग्स में सुधार को लेकर अच्छे संकेत, गिरावट पर खरीदारी की रणनीति करेगी काम

विनोद नायर, रिसर्च हेड, जियोजित इन्वेस्टमेंट

Stock market : बाजार की आगे की संभावनाओं पर बात करते हुए जियोजित इन्वेस्टमेंट्स के रिसर्च हेड विनोद नायर ने कहा कि नए घरेलू ट्रिगर के अभाव और एफआईआई की तरफ से हो रही लगातार बिकवाली के बीच भारतीय शेयर बाजार कल निगेटिव रझान के साथ बंद हुए। चुनिंदा सेक्टरों को दूसरी तिमाही के उत्साहजनक नतीजों से सपोर्ट मिला। पीएसयू बैंक शेयर अपने मजबूत कारोबारी प्रदर्शन,बेहतर असेट क्वालिटी, एफडीआई लिमिट में बढ़त की संभावनाओं और सेक्टर कंसोलीडेशन को लेकर नए सिरे से लगाई जा रही अटकलों के कारण चर्चा में रहे। हालांकि,कमजोर ग्लोबल संकेतों और फेड द्वारा ब्याज दरों में कटौती की कम होती उम्मीदों के कारण आईटी और मेटल शेयरों पर दबाव रहा।

ग्लोबल मार्केट की बात करें तो ट्रेड और टैरिफ को लेकर बनी अनिश्चितता के बीच निवेशकों का रुझान सतर्कता बनाए रखने का रहा। घरेलू स्तर पर, पीएमआई के आंकड़े मिले-जुले रहे, जबकि दरों में कटौती के बावजूद जीएसटी संग्रह में मजबूती बनी रही। इससे आर्थिक विकास की गति में तेजी और कॉर्पोरेट अर्निंग्स में सुधार को लेकर अच्छे संकेत मिल रहे हैं। इस बीच, मज़बूत अमेरिकी डॉलर और भू-राजनीतिक तनाव में कमी के कारण सोने की कीमतों में अपने हालिया हाई से गिरावट आई है।

बाज़ार की आगे की दिशा तय करने में आने वाले घरेलू महंगाई के आंकड़ों, एफआईआई निवेश, अमेरिकी सरकार के शटडाउन से जुड़े इवेंट्स और अमेरिका, भारत और चीन के बीच व्यापार वार्ताओं में होने वाली प्रगति की बड़ी भूमिका होगी। ऐसे में गिरावट पर खरीदारी की रणनीति सबसे बेहतर रणनीति प्रतीत हो रही है,क्योंकि अब तक घोषित अधिकांश निफ्टी 50 कंपनियों के नतीजे काफी हद तक अनुमान के अनुरूप रहे हैं। बाजार को लगातार मिल रहे नीतिगत सपोर्ट से वर्तमान प्रीमियम वैल्यूएशन को बल मिल सकता है। इससे आगे कंपनियों की अर्निंग्स को को भी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।

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