Short Call: पहले से ही ओवरवैल्यूड मार्केट में क्या बजट से आएगी और तेजी? Yes Bank, Wipro समेत ये शेयर रहेंगे फोकस में
Stock Markets: फ्रंटलाइन सूचकांकों की वैल्यूएशंस अस्थिर हो गई हैं। निफ्टी 5 साल के ऐतिहासिक औसत से लगभग 10 प्रतिशत ऊपर 21.4x 1YF PER पर कारोबार कर रहा है। पिछले कुछ समय से कई शेयर धड़ाधड़ उछल रहे हैं, जिससे स्टॉक मार्केट में ओवरवैल्यूएशन की सिचुएशन है। अब सवाल यह है कि क्या बजट के बाद तेजी की गुंजाइश रहेगी?
22 जुलाई को आर्थिक सर्वे 2024 पेश हुआ था, इसका भी असर शेयर बाजार पर देखने को मिला।
बजट 2024 पेश होने से एक दिन पहले 22 जुलाई को लगातार दूसरे कारोबारी सेशन शेयर बाजार में गिरावट आई। बीएसई सेंसेक्स 102.57 अंक गिरकर 80,502.08 पर और एनएसई निफ्टी 21.65 अंक गिरकर 24,509.25 पर बंद हुआ। कई ब्रोकर रिपोर्ट्स में कहा गया है कि हाई वैल्यूएशन और आगे की वृद्धि के लिए अनुकूल उत्प्रेरकों की कमी के चलते बाजार में गिरावट आई। 22 जुलाई को आर्थिक सर्वे 2024 पेश हुआ था, इसका भी असर शेयर बाजार पर देखने को मिला।
एमके ग्लोबल के विश्लेषकों का कहना है, "फ्रंटलाइन सूचकांकों की वैल्यूएशंस अस्थिर हो गई हैं। निफ्टी 5 साल के ऐतिहासिक औसत से लगभग 10 प्रतिशत ऊपर 21.4x 1YF PER पर कारोबार कर रहा है, जबकि NSE मिडकैप 150 और NSE स्मॉलकैप 250 अपने संबंधित 5-वर्षीय औसत से 52.5 प्रतिशत और 35.5 प्रतिशत ऊपर हैं।"
अब बजट का इंतजार हो रहा है। हालांकि सबसे अहम सवाल यह है कि पिछले कुछ समय से कई शेयर धड़ाधड़ उछल रहे हैं और वे ओवरवैल्यूएड जोन में पहुंच गए हैं तो क्या उनमें बजट के बाद तेजी की गुंजाइश रहेगी? डालमिया भारत, यस बैंक, विप्रो जैसे शेयरों की चाल बुल और बेयर केस में किस तरह हो सकती है, जानिए इस रिपोर्ट में...
Dalmia Bharat (1,772 रुपये)
जून 2024 तिमाही के नतीजों के विश्लेषकों के अनुमानों से पिछड़ने के बाद शेयर में गिरावट आई।
बुल केस: कंपनी की कुल सीमेंट ग्राइडिंग क्षमता मौजूदा 46.6 mtpa से बढ़कर FY25E में 49.5 mtpa हो जाने का अनुमान है, जो भविष्य में वॉल्यूम ग्रोथ को सपोर्ट करता है। वर्तमान क्षमता उपयोग 66 प्रतिशत पर होने के साथ, कंपनी के लिए अपने उत्पादन को बढ़ाने के लिए पर्याप्त गुंजाइश है।
बियर केस: अपने प्रमुख बाजारों में कम प्राप्ति और मांग, साथ ही क्षमता विस्तार में देरी, कंपनी के प्रदर्शन को प्रभावित कर सकती है। इसके अलावा, उच्च इनपुट लागत इसके मार्जिन को प्रभावित कर सकती है।
कंपनी के जून 2024 तिमाही के नतीजे FY25 के रेवेन्यू एस्टिमेट से चूक गए।
बुल केस: अमेरिकी उपभोक्ताओं, कैप्को व्यवसाय और बीएफएसआई के बीच पॉजिटिव मोमेंटम देखा गया। विवेकाधीन मांग में सुधार के शुरुआती संकेत दिख रहे हैं। कंपनी ने पहली तिमाही में दस बड़े सौदे हासिल किए।
बियर केस: EBIT मार्जिन ने सकारात्मक रूप से आश्चर्यचकित किया। मैन्युफैक्चरिंग, हेल्थकेयर और कम्युनिकेशंस वर्टिकल में गिरावट आई। FY25 की सितंबर तिमाही के लिए गाइडेंस अपेक्षा से कमजोर रहा।
केंद्रीय बजट में सेक्टर के लिए सकारात्मक घोषणाओं की उम्मीद में कंपनी के शेयरों में तेजी आई।
बुल केस: कंपनी की पाइपलाइन में प्रमुख नौसेना प्रोजेक्ट जैसे- 8 नेक्स्ट जेन कॉर्वेट (36,000 करोड़ रुपये), दो मल्टी पर्पस वेसल्स (1,200 करोड़ रुपये), 5 NGOPVs (3,000 करोड़ रुपये), दो कोस्टल रिसर्च वेसल्स (500 करोड़ रुपये), 18 नेक्स्ट जेन एफपीवी (5,000 करोड़ रुपये), 21 वाटर-जेट एफएसी (200 करोड़ रुपये), और 7 पी-17 ब्रावो फ्रिगेट (17,000 करोड़ रुपये)। इसके अलावा, कंपनी को वित्त वर्ष 2025 की पहली छमाही में 1,600 करोड़ रुपये से अधिक के ऑर्डर मिलने की उम्मीद है। इनके लिए कंपनी पहले से ही L1 बिडर है।
बियर केस: वित्त वर्ष 2025 में एग्जीक्यूशन चरम पर होने की संभावना है। एनजीसी में एक बड़े ऑर्डर को वित्त वर्ष 2024 से वर्ष 2024 तक टाले जाने से वित्त वर्ष 2026 से आगे रेवेन्यू ग्रोथ में देरी हो सकती है। पिछले छह महीनों में स्टॉक में 187 प्रतिशत की तेजी आई है। केंद्रीय बजट 2024 में इस क्षेत्र के लिए किसी भी महत्वपूर्ण घोषणा से उछाल सीमित हो सकता है।
बैंक ने जून 2024 तिमाही में मजबूत आय रिपोर्ट की है।
बुल केस: 8 तिमाहियों में सबसे कम गिरावट के साथ स्लिपेज, रिकवरी के संकेत दे रहे हैं। हालांकि सुधार धीरे-धीरे होने की संभावना है। जून तिमाही में प्रोविजंस में तेज गिरावट एक और प्रमुख सकारात्मक बात रही।
बियर केस: कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज को यस बैंक स्टॉक के लिए प्रतिकूल रिस्क-रिवॉर्ड दिख रहा है। अनुमान है कि अंडरलाइंग RoE सुधार, धीमा हो सकता है।
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