चीन से भारतीय बाजारों को खतरा नहीं, गिरावट में करें खरीदारी, आगे बनेगा पैसा : मिहिर वोरा

मिहिर ने कहा भारत दुनिया की सबसे तेजी ग्रोथ करती इकोनॉमी है। यही अपने में बड़ी बात है। इसको लेकर भारत के सामने कोई चुनौती नहीं है। लंबे समय से दबाव में रहने के बाद बैंकिंग सेक्टर अब एक वैल्यू पॉकेट बन रहा है। प्राइवेट सेटक्टर बैंकों में निवेश पर अब विचार किया जा सकता है

अपडेटेड Oct 15, 2024 पर 11:12 AM
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मिहिर को डिफेंस और रेलवे काफी अच्छे लग रहे हैं। इसके अलवा उनको फाइनेंशियलाइजेशन ऑफ सेविंग्स थीम पसंद है

बाजार पर बात करते हुए ट्रस्ट म्युचुअल फंड (Trust Mutual Fund) के CIO मिहिर ने बाजार के बारे में कई अहम बातें कहीं। मिहिर वोरा फंड मैनेजमेंट में करीब 3 दशक का अनुभव रखते हैं। म्यूचुअल फंड, इंश्योरेंस, सॉवरेन फंड जैसे स्पेस में उनकी अच्छी पकड़ है। मिहिर मैक्स लाइफ इंश्योरेंस, AB SUN LIFE MF, HSBC MF जैसे संस्थानों में भी काम कर चुके हैं। मिहिर बोरा का कहना है की बाजार अभी भी अपने ऑल टाइम हाई से बहुत करीब ही है। बाजार में ऐसी कोई बड़ी गिरावट तो हुई नहीं है। बाजार सिर्फ 2-4 फीसदी ही यहां-वहां है।

चीन से कोई डर नहीं

मिहिर ने कहा भारत दुनिया की सबसे तेजी ग्रोथ करती इकोनॉमी है। यही अपने में बड़ी बात है। इसको लेकर भारत के सामने कोई चुनौती नहीं है। हम चीन की इकोनॉमी और वहां के बाजार पर नजर डालें तो चीन में 25 साल से लोगों का पैसा नहीं बना है। तो अब ऐसा क्या हो जाएगा की हम चाइना में लॉन्ग टर्म में पैसे बनाएंगे। ऐसे में भारत लिए चीन वाली कोई चुनौती नजर नहीं आ रही है।


बाजार में अभी भी गिरावट पर खरीदारी वाला माहौल कायम

कमोडिटी की कीमतों में गिरावट भारत के लिए अच्छी बात है। विदेशी निवेश हालांकि पिछले दो महीनों में कमजोर रहा है। लेकिन इसके पहले मई से सितंबर तक देश में काफी विदेशी पैसा आया था। ये भी कोई स्ट्रक्चरल स्टोरी नहीं है कि एफआईआई बिकवाली कर रहे हैं। बाजार में घरेलू निवेश बहुत ही पॉजिटिव है। ऐसे में बाजार के लिए कोई डर की बात नहीं। वास्तव में बाजार में अभी भी गिरावट पर खरीदारी वाला माहौल चल रहा है।

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बैंकिंग सेक्टर अब एक वैल्यू पॉकेट बन रहा है

मिहिर बोरा ने आगे कहा की लंबे समय से दबाव में रहने के बाद बैंकिंग सेक्टर अब एक वैल्यू पॉकेट बन रहा है। प्राइवेट सेटक्टर बैंकों में निवेश पर अब विचार किया जा सकता है। मिहिर ने बताया कि अभी उन्होंने बैंकिंग में एक्पोजर बढ़ाया नहीं है। फाइनेंशियल्स को दो भागों में बांट कर देखने की जरूरत है। ये हैं नॉन-लेंडर्स और लेंडर्स। मिहिर ने आगे कहा कि फाइनेंशियल में उनको नॉन-लेंडर्स कंपनियां पसंद हैं। क्योंकि लेंडिंग में क्रेडिट ग्रोथ को लेकर दबाव है। नान- लेंडर्स में वेल्थ मैनेजमेंट, कैपिटल मैनेजमेंट, कैपिटल मार्केट, ब्रोकिंग और इंश्योरेंस कंपनियों में निवेश के अच्छे मौके दिख रहे हैं।

मिहिर ने बताया कि इस बीच उनके फंड की तरफ से इंडस्ट्रियल, डिफेंस और रेलवे में मुनाफावसूली की गई है। डिफेंस में कुछ मुनाफावसूली की गई है। आगे इन स्टॉक्स को फिर से जोड़ा जाएगा। मिहिर को डिफेंस और रेलवे काफी अच्छे लग रहे हैं। इसके अलवा उनको फाइनेंशियलाइजेशन ऑफ सेविंग्स थीम पसंद है। इंश्योरेंस कंपनियां भी उनको बेहतर नजर आ रही हैं।

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