इंडियन मार्केट्स के बुरे दिन अब खत्म हो चुके हैं। अब इंडियन मार्केट्स के अच्छे दिन आने वाले हैं। दरअसल, इंडियन मार्केट्स के बारे में विदेशी ब्रोकरेज फर्मों की सोच बदलती दिख रही है। उनका मानना है कि इंडियन मार्केट्स में हालात बदलने जा रहे हैं। बाजार करीब एक साल के कंसॉलिडेशन से बाहर निकलने को तैयार है। पिछले साल अक्तूबर में इंडियन मार्केट्स में गिरावट शुरू हुई थी। बीच-बीचे में आई हल्की तेजी को छोड़ दिया जाए तो इस दौरान बाजार का सेंटीमेंट कमजोर रहा है। बीते एक साल में सेंसेक्स का रिटर्न सिर्फ 5.5 फीसदी रहा है, जबकि निफ्टी ने 6.48 फीसदी का रिटर्न दिया है। यह ताइवान, दक्षिण कोरिया और चीन के स्टॉक मार्केट्स के रिटर्न से बहुत कम है।
HSBC ने इंडियन शेयरों पर ओवरवेट पोजीशन की सलाह दी
HSBC ने कहा है कि इंडियन फाइनेंशियल मार्केट्स अट्रैक्टिव दिख रहे हैं। एचएसबीसी के एनालिस्ट्स ने Indian Stocks पर 'ओवरवेट' की पोजीशन की सलाह दी है। उनका कहना है कि अब इंडियन कंपनियों के शेयरों में चाइनीज स्टॉक्स के मुकाबले बेहतर वैल्यू दिख रही है। ब्रोकरेज फर्म ने इंडियन स्टॉक मार्केट्स को 'अच्छा एआई हेज' बताया है। उसका कहना है जो इनवेस्टर्स ग्लोबल मार्केट्स में एआई की वजह से आई तेजी से चिंतित हैं, वे इंडियन मार्केट्स में इनवेस्ट कर सकते हैं। इंडियन मार्केट्स में निवेश डायवर्सिफिकेशन के लिए भी अच्छा है।
अगले साल के अंत तक 94000 पर पहुंच जाएगा सेंसेक्स
एचएसबीसी ने 2026 के अंत तक सेंसेक्स के 94,000 पर पहुंच जाने का अनुमान जताया है। इसका मतलब है कि सेंसेक्स एक साल में करीब 13 फीसदी चढ़ सकता है। इसका मतलब है कि शेयरों में निवेश बनाए रखने वाले इनवेस्टर्स को अगले एक साल में अच्छा रिटर्न मिल सकता है। बीते एक साल में इंडियन मार्केट्स के रिटर्न से इनवेस्टर्स निराश हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह निराशा अब खत्म होने वाली है। इनवेस्टर्स को आगे धैर्य का बड़ा फायदा मिलने जा रहा है।
गोल्डमैन सैक्स ने भी इंडियन मार्केट्स को अपग्रेड किया
गोल्डमैन सैक्स ने भी Indian Stock Market को 'न्यूट्रल' से अपग्रेड कर 'ओवरवेट' कर दिया है। इसे इंडियन मार्केट्स को लेकर ब्रोकरेज फर्म की सोच में बड़े बदलाव के रूप में देखा जा रहा है। ब्रोकरेज फर्म ने 2026 के अंत तक Nifty 50 के 29,000 पर पहुंच जाने की उम्मीद जताई है। इसका मतलब है कि निफ्टी में अगले एक साल में करीब 13-14 फीसदी की तेजी देखने को मिल सकती है। गोल्डमैन सैक्स का मानना है कि इंडियन मार्केट्स का प्रदर्शन आगे बेहतर रहने की कई वजहें हैं।
इन वजहों से तेज रफ्तार पकड़ने को तैयार इंडियन मार्केट्स
गोल्डमैन सैक्स ने कहा है कि आरबीआई ने इस साल इंटरेस्ट रेट में 1 फीसदी कमी की है। इससे कर्ज सस्ता हुआ है। सरकार ने 12 लाख रुपये तक की इनकम टैक्स-फ्री कर दी है। इससे लोगों के हाथ में खर्च के लिए ज्यादा पैसे बच रहे हैं। सरकार ने जीएसटी के रेट्स घटाए हैं। यह कमी 22 सितंबर से लागू हो गई है। इससे कंजम्प्शन बढ़ेगा। इस बीच इनफ्लेशन रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गया है। सितंबर तिमाही के कंपनियों के नतीजे अनुमान से बेहतर आए हैं। इन वजहों से इंडियन मार्केट्स अब रफ्तार पकड़ सकता है।