रिन्यूएबल सेक्टर की कंपनी सुजलॉन एनर्जी (Suzlon Energy) को आयकर विभाग की ओर से लगाए गए 261 करोड़ रुपये के जुर्माने मामले में गुजरात हाई कोर्ट (Gujarat High Court) से राहत मिली है। कोर्ट ने पेनल्टी ऑर्डर्स पर अंतरिम रोक लगा दी है। कंपनी ने इस बारे में शेयर बाजारों को सूचित किया है। सुजलॉन ने 28 मार्च 2024 को शेयर बाजारों को बताया था कि नेशनल फेसलेस असेसमेंट सेंटर, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट, नई दिल्ली की ओर से कंपनी को FY 2015-16 के लिए 87.59 करोड़ रुपये और FY 2016-17 के लिए 172.76 करोड़ रुपये जुर्माने के आदेश मिले हैं।
जुर्माना, गुडविल पर डेप्रिसिएशन के दावे की अस्वीकृति, प्रोविडेंट फंड के देर से भुगतान और कर्मचारी राज्य बीमा के देर से भुगतान के लिए लगाया गया। सुजलॉन एनर्जी ने इन आदेशों के खिलाफ रिट याचिका डाली, जिस पर गुजरात हाई कोर्ट ने सुनवाई की। कोर्ट ने आयकर विभाग के पेनल्टी ऑर्डर्स के संचालन और इंप्लीमेंटेशन के खिलाफ अंतरिम रोक लगा दी है।
सुजलॉन एनर्जी शेयर पर क्या असर
19 अप्रैल को सुजलॉन एनर्जी का शेयर बीएसई पर गिरावट के साथ 40.50 रुपये पर खुला। जल्द ही इसने पिछले बंद भाव से करीब 5 प्रतिशत टूटकर 39.10 रुपये का लोअर प्राइस बैंड टच किया लेकिन लोअर सर्किट नहीं लगा। कारोबार खत्म होने पर शेयर 4 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट के साथ 39.41 रुपये पर सेटल हुआ। कंपनी का मार्केट कैप 53612 करोड़ रुपये है। शेयर ने 2 फरवरी 2024 को 52 सप्ताह का उच्च स्तर 50.72 रुपये छुआ था। 52 सप्ताह का निचला स्तर 7.91 रुपये 24 अप्रैल 2023 को देखा गया।
Q3 में 159% बढ़ा था मुनाफा
Suzlon Energy के मार्च 2024 तिमाही और वित्त वर्ष 2024 के वित्तीय नतीजे सामने आना बाकी है। दिसंबर 2024 तिमाही में कंपनी का कंसोलिडेटेड शुद्ध मुनाफा सालाना आधार पर 159.11 प्रतिशत बढ़कर 203.04 करोड़ रुपये हो गया था। इस दौरान कंपनी का ऑपरेशंस से रेवेन्यू सालाना आधार पर 7.17 प्रतिशत के उछाल के साथ 1,552.91 करोड़ रुपये दर्ज किया गया था। सुजलॉन एनर्जी अब एक कर्ज मुक्त कंपनी है। कंपनी ने हाल ही में QIP और राइट्स इश्यू के जरिए अपनी पूरी उधारी चुकाई है।
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