कमजोर वैश्विक रुझानों के कारण भारतीय बाजार में 23 सितंबर को लगातार तीसरे दिन और गिरावट नजर आई। अमेरिकी फेडरल रिजर्व के कठोर रुख ने सेंटीमेंट्स को प्रभावित करना जारी रखा। वैश्विक अर्थव्यवस्था के आउटलुक से भी बाजार में चिंता बढ़ी। वहीं सभी सेक्टर्स में तेज बिकवाली और रुपये के नए निचले स्तर पर जाने से बाजार ने इस साल की सभी बढ़त को गंवा दिया।