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Tata Consumer Q2 Results: मुनाफे में 10% के उछाल पर शेयर रॉकेट, लेकिन इस मोर्चे पर टाटा कंपनी को लगा झटका

Tata Consumer Q2 Results: टाटा ग्रुप की एफएमसीजी (फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स कंपनी) ने आज सितंबर 2025 तिमाही के कारोबारी नतीजे जारी किए। सितंबर तिमाही में कंपनी का मुनाफा 10% बढ़ा और रेवेन्यू में भी जोरदार तेजी दिखी। शानदार कारोबारी नतीजे पर इसके शेयर उछल पड़े। चेक करें कंपनी के कारोबारी नतीजे की खास बातें

Edited By: Jeevan Deep Vishawakarmaअपडेटेड Nov 03, 2025 पर 5:03 PM
Tata Consumer Q2 Results: मुनाफे में 10% के उछाल पर शेयर रॉकेट, लेकिन इस मोर्चे पर टाटा कंपनी को लगा झटका
Tata Consumer Q2 Results: कंसालिडेटेड लेवल पर टाटा कंज्यूमर का शुद्ध मुनाफा सितंबर तिमाही में सालाना आधार पर 10.49% उछलकर ₹397.05 करोड़ और ऑपरेशनल रेवेन्यू 17.83% बढ़कर ₹4965.90 करोड़ पर पहुंच गया।

Tata Consumer Q2 Results: टाटा कंज्यूमर के लिए चालू वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही शानदार रही। सितंबर 2025 तिमाही में कंपनी का मुनाफा सालाना आधार पर 10% से अधिक बढ़ गया। इस दौरान कंपनी का रेवेन्यू भी 17% से अधिक उछल गया और ऑपरेटिंग प्रॉफिट में भी तेजी दिखी लेकिन मार्जिन को झटका लगा। कंपनी के मजबूत कारोबारी नतीजे का जश्न शेयरों ने भी मनाया और यह रॉकेट की स्पीड से ऊपर पहुंच गया। नतीजे आने के पहले यह रेड और ग्रीन जोन में झूल रहा था। हालांकि जैसे ही नतीजे आए, बीएसई पर यह 3.23% उछलकर ₹1202.75 पर पहुंच गया। इस तेजी का कुछ निवेशकों ने फायदा उठाया जिससे भाव थोड़े नरम पड़े लेकिन अब भी यह काफी मजबूत स्थिति में है। आज यह 2.44% की बढ़त के साथ ₹1193.55 पर बंद हुआ है।

Tata Consumer Q2 Results: खास बातें

कंसालिडेटेड लेवल पर टाटा कंज्यूमर का शुद्ध मुनाफा सितंबर तिमाही में सालाना आधार पर 10.49% उछलकर ₹397.05 करोड़ और ऑपरेशनल रेवेन्यू 17.83% बढ़कर ₹4965.90 करोड़ पर पहुंच गया। ऑपरेटिंग लेवल पर बात करें तो इस दौरान कंपनी का ईबीआईटीडीए यानी ऑपरेटिंग प्रॉफिट करीब 7% बढ़कर ₹672 करोड़ पर पहुंच गया लेकिन ऑपरेटिंग प्रॉफिट मार्जिन इस दौरान 130 बेसिस प्वाइंट्स फिसलकर 13.5% पर आ गया।

अब सेगमेंट वाइज बात करें तो भारतीय बिजनेस का टाटा कंज्यूमर का रेवेन्यू सालाना आधार पर सितंबर तिमाही में 17.59% की रफ्तार से बढ़कर ₹3122.15 करोड़ और इंटरनेशनल बिजनेस 15.39% चढ़कर ₹1287.71 करोड़ पर पहुंच गया। कंपनी का कहना है कि भारत में चाय की लागत में कमी से ब्रांडेड बिजनेस में सुधार दिखा लेकिन इंटरनेशनल बिजनेस में कॉफी की लागत में उछाल और ब्रांड्स पर हाई निवेश से इसका कुछ कुछ हिस्सा एडजस्ट हो गया। अब नॉन-ब्रांडेड बिजनेस की बात करें तो इसके मार्जिन को पिछले साल के फेयर वैल्यू गेन के उलटने का असर पड़ा।

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