CNBC-आवाज़ और सबसे बड़े डिस्काउंट ब्रोक्रिंग फर्म GROWW ने एक बड़ी एजुकेशनल पहल की है। दोनों ने मिलकर एक ऐसा ग्राउंड इवेंट किया जिसमें बाजार के दिग्गजों ने सफल निवेशक बनने के अनुभव साझा किए है। इसी कड़ी में मोतीलाल ओसवाल के चेयरमैन रामदेव अग्रवाल ने सीएनबीसी-आवाज से खास बातचीत की। इस खराब बाजार में निवेशक क्या करें ? वैल्यू इन्वेंस्टिंग क्या है? क्या ये निवेश का सही समय है। यहां हम इन तमाम मुद्दों पर हुई बातचीत का एक अंश आपके लिए पेश कर रहे हैं।
कैश पर रहें या निवेश करें
इस बातचीत में राम देव ने बताया कि वे कभी भी कैश पर नहीं रहे है,हमेशा निवेशित रहे हैं। उन्होंने ये भी कहा कि वॉरेन बफेट का आधा बैलेंसशीट कैश पर होने के खबर से वे सरप्राइज हैं। बफेट के बैलेंसशीट में 325 बिलियन डॉलर का कैश है। मोतीलाल ओसवाल ने 1987 से ही बाजार में लगातार खरीदारी की रणनीति कायम रखी है। वॉरेन बफेट से भी यही सिखा था कि लगातार निवेश जरूरी है। भारत जैसे मार्केट में 15 फीसदी रिटर्न की संभावना हमेशा रहती है। FIIs की मौजूदा बिकवाली के बाद फिर खरीदारी लौटेगी। सारी गिरावट से बाजार 10 दिनों में उबरने का दम रखता है। अभी FIIs बेच रहे हैं, उन्हें तेजी में फिर खरीदना होगा।
बाजार की गिरावट में क्या करें?
रामदेव अग्रवाल का कहना है कि बाजार 20 फीसदी गिर जाए तो खरीदारी का सबसे अच्छा समय होगा। मार्केट के गिरावट में कंपनी के वैल्यू में बदलाव नहीं होता है। FIIs की बिकवाली से शेयर सस्ते हुए । कंपनी की फेयर वैल्यू देखकर निवेश करें। निवेश से पहले कंपनी और कारोबार की संभावना समझें। 10-15 साल की ग्रोथ की तस्वीर देखकर निवेश करें। जितना संभले उतने शेयर ही पोर्टफोलियो में रखें। सिंगल स्टॉक पोर्टफोलियो सबसे अच्छा होता है। जितनी शेयर की समझ हो उतने पोर्टपोलियो में रखें। 10-15 शेयर की समझ हो तो उतना रखें। पोर्टफोलियो में बहुत ज्यादा शेयर नहीं रखने चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि बाजार में निवेशित नहीं रहना सबसे बड़ी गलती है। वहीं, निवेशित रहना अच्छी रणनीत है। उन्होंने बताया कि उन्होंने 2003 से 2014 के बीच निवेश नहीं किया था। 2004-08 के बीच में बाजार में बड़ी तेजी आई थी। लगातार निवेश करता तो नेटवर्थ कहीं और होता। अगर कम्पाउंडिंग मिस किया तो उसका असर पूरी जिंदगी भर देखना होता है।
रामदेव जी वे आगे बताया कि वे हमेशा निवेशक रहे हैं। ट्रेडर कभी नहीं रहे। बाजार से बाहर कभी नहीं जाएं। बाजार में पैसे बनाने के लाखों रास्ते हैं। बाजार में पैसा बनाने के अपने तरीके ढूंढ़ें। उन्हों ने कभी किसी और को कॉपी नहीं किया। दूसरों के विजन से सिखा, लेकिन कभी कॉपी नहीं की। अगर आप ट्रेडिंग से पैसा बनाते हैं तो वह भी ठीक है।
उन्होंने बताया कि वे हमेशा निवेश के रास्ते पर चले। ट्रेडिंग के प्रति कभी आकर्षित नहीं हुए। निवेश के जरिए ही काफी पैसा बनाया। पढ़ना उनकी सबसे बड़ी ताकत रही। बिना पढ़े समझ गहरी नहीं होगी।
सोशल मीडिया के इस दौर में अनुशासित रहना जरूरी। बाजार पर नजर रखना चाहिए, उसमें डूबना नहीं चाहिए। रामदेव ने कहा कि वे ये जानते हैं कि वॉरेन बफेट कैसे दिग्गज निवेशक बनें। वॉरेन बफेट ने 50-60 फीसदी रिटर्न नहीं कमाया। बफेट ने 20 फीसदी रिटर्न कमाया, लेकिन वह 65 साल के लिए था। कंपाउडिंग के जरिए लंबी अवधि में काफी रिटर्न मिलता है। बाजार जब ओवरवैल्यू हो तो सप्लाई बढ़ती है। पिछले 5 साल में निफ्टी ने 100 फीसदी रिटर्न दिया है। लंबी अवधि में 15 फीसदी कंपाउडिंग रिटर्न की सोचें। कंपाउंडिंग का जादू समझेंगे तो धैर्य सिख जाएंगे। इकोनॉमी और बाजार में अब बहुत बड़े मौके हैं।
रामदेव ने आगे कहा कि वे कभी भी कुछ ऐसा नहीं करते जो वसूलों के खिलाफ हो। बाजार में लालच और भटकाव से बचना जरूरी है।बाजार में कभी शॉर्ट कट का इस्तेमाल नहीं किया। संवेदनशिल सूचनाओं का फायदा नहीं उठाते। रेगुलेटर की हर नजर ट्रेड पर रहती है। उन्होंने अपने निवेश मंत्र देते हुए आगे कहा कि बाजार में इमोशनल ना हों। वे पहले शेयरों से प्यार करते थे। हीरो मोटो और नेस्ले जैसे शेयरों से उनको लगाव हुआ। इंफोसिस जब बेचा था तब उनको काफी दुख हुआ था। लेकिन बाजार में कभी इमोशनल नहीं होना चाहिए।