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मिड- स्मॉल के मुकाबले लार्जकैप IT में कंफर्ट ज्यादा, इन सेक्टर पर भी रखें नजर: आईसीआईसीआई प्रु एएमसी के चिंतन हरिया

चिंतन हरिया ने कहा कि भारतीय बाजार को डोमेस्टिक इन्वेस्टर का सपोर्ट मिल रहा है। डोमेस्टिक MF आज काफी बड़े हो चुके हैं। भारत की ग्रोथ स्टोरी काफी मजबूत है। आने वाले 5-6 साल काफी अच्छे रहने की उम्मीद है। निवेशकों को चिंता करने की जरूरत नहीं है

MoneyControl Newsअपडेटेड Nov 09, 2024 पर 9:06 AM
मिड- स्मॉल के मुकाबले लार्जकैप  IT में कंफर्ट ज्यादा, इन सेक्टर पर भी रखें नजर: आईसीआईसीआई प्रु एएमसी के चिंतन हरिया
चिंतन हरिया ने कहा कि एनर्जी सेक्टर में एक्सपोजर बढ़ाया है। टेक्नोलॉजी सेक्टर पर फोकस है।

08 नवबंर के कारोबारी हफ्ते के आखिरी दिन भी बाजार में दबाव रहा। मिड और स्मॉलकैप शेयरों में बिकवाली हावी रही। 08 नवंबर को समाप्त हुए हफ्ते में सेंसेक्स 0.30 फीसदी और निफ्टी 0.64 फीसदी की गिरावट लेकर बंद हुआ। ऐसे में बाजार के आगे के आउटलुक और मल्टी एसेट फंड पर बात करते हुए आईसीआईसीआई प्रू मल्टी एसेट फंड (ICICI Pru Multi Asset Fund) के प्रीसिंपल इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटजी चिंतन हरिया (Chintan Haria) ने कहा कि बाजार में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिला। चीन में सितंबर में बड़ी तेजी आई थी। चीन में कई सालों बाद बड़ी तेजी आई है। चीन बाजार की तेजी का असर भारत पर पड़ा है। भारत से करीब विदेशी निवेशकों ने `1 लाख करोड़ रुपये निकाले है। ये अब तक का सबसे बड़ा रिडेम्पशन है। भारतीय बाजार को डोमेस्टिक इन्वेस्टर का सपोर्ट मिल रहा है। डोमेस्टिक MF आज काफी बड़े हो चुके हैं। भारत की ग्रोथ स्टोरी काफी मजबूत है। आने वाले 5-6 साल काफी अच्छे रहने की उम्मीद है। निवेशकों को चिंता करने की जरूरत नहीं है।

मल्टी एसेट फंड पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि मल्टी एसेट कम से कम 3 एसेट क्लास में निवेश करता है। हर कैटेगरी में कम से कम 10% निवेश जरूरी है। इक्विटी में कम से कम 65% तक का निवेश करता है। 10-12% तक कमोडिटी में एक्सपोजर है। जबकि 10-12% तक डेट में एक्सपोजर है। REIT, InvIT में 3-4% तक का निवेश करते है। मल्टी एसेट फंड में एक ही फंड के जरिए विभिन्न एसेट क्लास में निवेश होता है। इक्विटी में लार्ज, मिड और स्मॉलकैप में एक्सपोजर होता है। इक्विटी से लंबी अवधि में वेल्थ क्रिएशन बना है।

मिड-स्मॉलकैप में लंबी अवधि के लिए करें निवेश

लार्ज और मिडकैप इंडेक्स पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि मिड, स्मॉलकैप के वैल्युएशन पहले सस्ते थे जिसके चलते पहले मिड, स्मॉलकैप की फंड में हिस्सेदारी ज्यादा थी। पिछले 4 सालों में बाजार का दायरा काफी बढ़ गया। अभी मिड, स्मॉलकैप में एक्सपोजर कम किया। सेक्टोरल फ्लेक्सिबिलिटी पर फोकस है। 3-5 साल के लिए निवेश की सलाह होगी। लंबी अवधि के लिए निवेश की सलाह होगी। डायवर्सिफिकेशन का फायदा मिलता है।

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