Kalpvas 2026: कल्पवास को हिंदू धर्म में बहुत पवित्र धार्मिक अनुष्ठान माना जाता है। कल्पवास तीर्थों के राजा कहे जाने वाले तीर्थराज यानी प्रयागराज में हर साल पौष पूर्णिमा से शुरू होकर माघ माह की पूर्णिमा तक किया जाता है। इस माह में जप, तप,स्नान और दान किया जाता है। कल्पवास के दौरान श्रद्धालु शरीर की ही नहीं आत्मा का शुद्धि के लिए कठिन नियमों का पालन करते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, माघ माह में इन कामों को करने से अक्षय पुण्य प्राप्त होता है। यानी इन कामों का पुण्य कभी समाप्त नहीं होता। कल्पवास के दौरान सात्विक नियमों का पालन करने वाले भक्त जीवन-मृत्यु के चक्र से छूट जाते हैं। गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम तट पर बिताया जाने वाला एक महीना 'कल्पवास' कहलाता है।
