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3 बड़ी वजह, HCL और MPhasis समेत निफ्टी आईटी के सभी दस के दस शेयर लाल

IT Stocks Falls: वैश्विक मार्केट में मचे हाहाकार के बीच घरेलू स्टॉक मार्केट में भी आज मुनाफावसूली की तपिश दिखी। इन सबके बीच लगातार तीन कारोबारी दिनों तक ऊपर चढ़ने के बाद आईटी शेयरों में आज बिकवाली आई और इसके 10 के 10 स्टॉक्स रेड जोन में आ गए। जानिए इनके शेयरों में बिकवाली की तीन अहम वजहें क्या हैं?

Edited By: Jeevan Deep Vishawakarmaअपडेटेड Dec 16, 2025 पर 1:18 PM
3 बड़ी वजह, HCL और MPhasis समेत निफ्टी आईटी के सभी दस के दस शेयर लाल
Why IT Stocks Fall: आईटी शेयरों में बिकवाली की सबसे बड़ी वजह मुनाफावसूली है। लगातार तीन दिनों में 2% तक उछाल के बाद मुनाफावसूली की आंधी आई।

IT Stocks Falls: लगाचार तीन कारोबारी दिनों की तेजी के बाद आईटी शेयरों में आज गिरावट का दबाव दिखा। तीन कारोबारी दिनों में करीब 2% की तेजी के बाद आज दिग्गज आईटी कंपनियों के निफ्टी आईटी (Nifty IT) में आज करीब 1% की गिरावट आई। निफ्टी आईटी के सभी दस के दस शेयर लाल हैं। सबसे बुरा हाल तो एचसीएलटेक (HCLTech) का रहा जिसमें करीब 2% की गिरावट आई। देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टीसीएस (TCS) से लेकर एमफेसिस (Mphasis) तक लगभग हर बड़ी कंपनी के शेयरों की हालत खराब है।

Why IT Stocks Fall: तीन वजहों से आया आईटी शेयरों पर दबाव

आईटी शेयरों में बिकवाली की सबसे बड़ी वजह मुनाफावसूली है। लगातार तीन दिनों में 2% तक उछाल के बाद मुनाफावसूली की आंधी आई। दूसरी अहम वजह ये है कि ब्यूरो ऑफ लेबर स्टैटिस्टिक्स नवंबर महीने के अमेरिकी रोजगार के आंकड़े जारी करने वाला है, जिसके चलते निवेशक सतर्क रुझान अपना रहे हैं। चूंकि भारत की दिग्गज आईटी कंपनियों के रेवेन्यू का एक बड़ा हिस्सा अमेरिकी मार्केट से आता है तो अमेरिकी अर्थव्यवस्था से आंकड़े इसके लिए काफी अहम है।

इसके अलावा आईटी शेयरों की बिकवाली के पीछे तीसरी अहम वजह आईटी सेक्टर पर ब्रोकरेज फर्म की रिपोर्ट रही। वैश्विक ब्रोकरेज फर्म सिटी ने मांग में रिकवरी के सुस्त होने के चलते देशी-विदेशी आईटी सर्विसेज कंपनियों के चलते पर एक बार फिर से सतर्क रुझान अपनाया है। घरेलू कंपनियों में ब्रोकरेज फर्म को लॉर्ज आईटी कंपनियों में इंफोसिस और एचसीएलटेक पसंद है। ब्रोकरेज फर्म का कहना है कि डिमांड का माहौल स्थिर बना हुआ है लेकिन वापसी के स्प्ष्ट संकेत अभी तक नहीं मिले हैं। सिटी का कहना है कि बैंकिंग, फाइनेंशियल सर्विसेज और इंश्योरेंस को छोड़ अधिकतर सेगमेंट में डिस्क्रेशनरी स्पेंडिंग अभी भी सुस्त बना हुआ है।

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