ट्रंप फिर देंगे दुनिया को टैरिफ का झटका, 9 जुलाई के बाद नहीं बढ़ेगी डेडलाइन, भारत के साथ समझौता कब तक?

Trump Tariffs: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने साफ कर दिया है कि वे दुनिया के अधिकतर देशों पर टैरिफ को लेकर लागू 90 दिनों की रोक को 9 जुलाई के बाद आगे नहीं बढ़ाएंगे। फॉक्स न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में ट्रंप ने कहा कि उनकी सरकार जल्द ही उन देशों को नोटिस भेजेगी, जिन पर ये ट्रेड पेनाल्टी लागू किए जाएंगे। भारत और अमेरिका के बीच शुरुआती व्यापार समझौते को लेकर बातचीत अपने अंतिम चरण में पहुंच चुकी है।

अपडेटेड Jun 30, 2025 पर 12:11 PM
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Trump Tariffs: ट्रंप ने कहा कि डेडलाइन समाप्त होने से पहले ही सभी देशों को लेटर भेजे जाने शुरू हो जाएंगे

Trump Tariffs: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने साफ कर दिया है कि वे दुनिया के अधिकतर देशों पर टैरिफ को लेकर लागू 90 दिनों की रोक को 9 जुलाई के बाद आगे नहीं बढ़ाएंगे। फॉक्स न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में ट्रंप ने कहा कि उनकी सरकार जल्द ही उन देशों को नोटिस भेजेगी, जिन पर ये ट्रेड पेनाल्टी लागू किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि जिन देशों ने अमेरिका के साथ कोई व्यापारिक समझौता नहीं किया है, उन्हें ऊंचे टैरिफ का सामना करना पड़ेगा।

यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत और अमेरिका के बीच शुरुआती व्यापार समझौते को लेकर बातचीत अपने अंतिम चरण में पहुंच चुकी है। एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि दोनों देश एक सीमित व्यापार समझौते की घोषणा के लिए तेजी से काम कर रहे हैं, जो आगे अक्टूबर तक एक बड़े द्विपक्षीय व्यापार समझौते का आधार बन सकता है।

डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि समय सीमा समाप्त होने से पहले ही सभी देशों को लेटर भेजे जाने शुरू हो जाएंगे। ट्रंप ने इंटरव्यू में कहा, “हम देखेंगे कि कोई देश हमारे साथ कैसा व्यवहार करता है। क्या वे अच्छे हैं, क्या वे अच्छे नहीं है। कुछ ऐसे देश हैं जिनके बारे में हमें परवाह नहीं, हम बस उन्हें एक ऊंचा टैरिफ भेज देंगे।”


ट्रंड ने आगे कहा कि इन देशों को जो लेटर भेजे जाएंगे, उनमें लिखा होगा, "बधाई हो, हम आपको अमेरिका में शॉपिंग की इजाजत दे रहे हैं, लेकिन आपको 25%, 35%, 50% या 10% टैरिफ देना होगा।”

इससे पहले शुक्रवार को, अमेरिकी राष्ट्रपति ने व्हाइट हाउस में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस टैरिफ डेडलाइन को कमतर आंका था और यह भी स्वीकार किया था कि हर देश से अलग-अलग व्यापार समझौते करना चुनौतीपूर्ण है। उनकी सरकार ने 90 दिनों में 90 व्यापार सौदे करने का लक्ष्य रखा था।

हालांकि इसी बीच, ट्रंप ने शुक्रवार को कनाडा के साथ व्यापार वार्ता को अचानक समाप्त कर दिया। इसका कारण था अमेरिकी टेक कंपनियों पर कनाडा का डिजिटल सर्विस टैक्स, जिसे ट्रंप ने “खुला हमला” करार दिया। उन्होंने कहा कि अगले एक सप्ताह के भीतर कनाडाई सामानों पर नया टैरिफ लगाया जाएगा।

कनाडा सोमवार से गूगल, मेटा, एमेजॉन और एपल जैसी जैसी अमेरिकी कंपनियों पर यह 3% टैक्स लागू करने जा रहा है, जो 2022 से रेट्रोएक्टिव होगा। यह टैक्स उन कंपनियों पर लागू होगा जिनकी कनाडा से डिजिटल रेवेन्यू 20 मिलियन डॉलर से अधिक है।

कनाडा सोमवार से Google, Meta, Amazon, Apple जैसी अमेरिकी कंपनियों पर यह 3% टैक्स लागू करने जा रहा है, जो 2022 से रेट्रोएक्टिव होगा और उन कंपनियों पर लागू होगा जिनकी कनाडा से डिजिटल राजस्व $20 मिलियन से अधिक है।

दूसरी ओर, भारत ने अपने व्यापार प्रतिनिधियों को वॉशिंगटन भेजा है ताकि बातचीत को अंतिम रूप दिया जा सके। अमेरिका ने इसी हफ्ते यूरोपीय यूनियन को एक नया व्यापार प्रस्ताव भी भेजा, जबकि जापान और दो अन्य देशों के साथ व्यापार वार्ता आगे बढ़ रही है। जापानी सरकार ने एक बयान में कहा कि अमेरिका और जापान दोनों एक ऐसे समझौते पर काम कर रहे हैं, जो दोनों देशों के हित में हो।

अब यह देखना होगा कि क्या भारत और अमेरिका 9 जुलाई से पहले कोई प्रारंभिक समझौता कर पाते हैं या फिर ट्रंप सरकार का सख्त टैरिफ रुख भारत पर भी असर डालेगा।

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