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हटा नहीं सकते है तो बदलाव ही करे सरकार, LTCG को लेकर एक्सपर्ट्स की ये है मांग

वर्ष 2004 में जब एसटीटी लाया गया था तो यह माना गया था कि जल्द ही एलटीसीजी और एसटीसीजी पर टैक्स हटा लिया जाएगा। हालांकि हुआ इसके ठीक उल्टा ही और पिछले साल इसमें बढ़ोतरी भी की गई। अब जब मार्केट बुरी तरह टूट रहा है तो एक्सपर्ट्स एक बार फिर एलटीसीजी पर टैक्स को लेकर मांग कर रहे कि इसे हटा नहीं सकते तो इसमें बदलाव किया जाए

Edited By: Moneycontrol Hindi Newsअपडेटेड Mar 05, 2025 पर 12:01 PM
हटा नहीं सकते है तो बदलाव ही करे सरकार, LTCG को लेकर एक्सपर्ट्स की ये है मांग
जब पिछले साल एलटीसीजी और एसटीसीजी पर टैक्स की दरों में बढ़ोतरी का ऐलान हुआ था तो कई एक्सपर्ट्स ने इसे वापस लेने की मांग की थी। हालांकि उस समय मार्केट में बुलिश माहौल को देखते हुए इस पर अधिक चर्चा नहीं हुआ लेकिन बेयरेश माहौल में एक बार फिर इसकी मांग ने जोर पकड़ लिया है।

स्टॉक मार्केट की भारी बिकवाली के बीच निवेशकों का पोर्टफोलियो डार्क रेड हो गया है। मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि कमजोर रिटर्न और टैक्स के भारी बोझ के चलते भारतीय मार्केट का आकर्षण कम हो रहा है। ऐसे में लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन (LTCG) पर टैक्स के रिव्यू की मांग लगातार बढ़ती जा रही है। भारत दुनिया के उन कुछ देशों में से एक है, जहां विदेशी निवेशकों से शेयर मार्केट से हुए मुनाफे पर टैक्स लिया जाता है। मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि रेवेन्यू में गिरावट को देखते हुए सरकार टैक्स हटा तो नहीं सकती है लेकिन चाहे तो इसमें बदलाव तो कर ही सकती है।

पिछले साल बढ़ाई गई थी दरें

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले साल 2024 में बजट पेश करते समय कैपिटल गेन्स पर टैक्स की दरों में बढ़ोतरी का ऐलान किया था। शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स पर टैक्स की दर को 15 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स पर टैक्स की दरों को 10 फीसदी से बढ़ाकर 12.5 फीसदी किया गया था। एक साल के भीतर शेयर बेचने पर हुए मुनाफे को शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन कहते हैं। खास बात ये है कि जब पिछले साल एलटीसीजी और एसटीसीजी पर टैक्स की दरों में बढ़ोतरी का ऐलान हुआ था तो कई एक्सपर्ट्स ने इसे वापस लेने की मांग की थी। हालांकि उस समय मार्केट में बुलिश माहौल को देखते हुए इस पर अधिक चर्चा नहीं हुआ लेकिन बेयरेश माहौल में एक बार फिर इसकी मांग ने जोर पकड़ लिया है।

क्या कहना है एक्सपर्ट्स का?

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