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उदय कोटक ने दी बाजार में तेज गिरावट की चेतावनी, जानिए क्या कहा

वोल्कर 1979 से 1987 तक यूएस फेडरल रिजर्व के 12वें अध्यक्ष थे। वोल्कर कार्यकाल को अमेरिका में 1970 और 1980 के दशक की शुरुआत में आई भारी मुद्रास्फीति को समाप्त करने के लिए जाना जाता है

MoneyControl Newsअपडेटेड Aug 29, 2022 पर 10:36 AM
उदय कोटक ने दी बाजार में तेज गिरावट की चेतावनी, जानिए क्या कहा
उदय कोटक का ये बयान शुक्रवार को पॉवेल द्वारा एक कड़ा संदेश देने के कुछ दिनों बाद आया है। पॉवेल ने जैक्शन पोल सिंपोजियम में संकेत दिया था

कोटक महिंद्रा बैंक के सीईओ उदय कोटक ने सोमवार को कहा कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल का महंगाई से लड़ने का कड़ा रुख उन्हें अमेरिकी केंद्रीय बैंक के एक पूर्व चेयरमैन पॉल वोल्कर (Paul Volcker) की याद दिलाता है। पॉल वोल्कर ने 1970/80 के दशक में अमेरिका को भारी मुद्रास्फीति के दलदल से बाहर निकालने में अहम भूमिका निभाई थी।

उदय कोटक ने ट्वीट करते हुए कहा "फेडरल रिजर्व के अध्यक्ष पॉवेल ने आखिर मुद्रास्फीति से लड़ने के लिए दृढ़ता से बात की है। इनका ये रवैया हमें पॉल वोल्कर की याद दिलाता है जिन्होंने 70/80 के दशक में अमेरिका में मुद्रास्फीति की कमर तोड़ दी थी। क्वांटिटेटिव टाइटनिंग (QT) से सावधान रहें। अमेरिका वित्तीय दुनिया पर राज करता है। अफीम के बाजार जाग उठेंगे और कॉफी की महक उठेगी!"

बता दें कि वोल्कर (Paul Volcker)1979 से 1987 तक यूएस फेडरल रिजर्व के 12वें अध्यक्ष थे। वोल्कर कार्यकाल को अमेरिका में 1970 और 1980 के दशक की शुरुआत में आई भारी मुद्रास्फीति को समाप्त करने के लिए जाना जाता है।

उदय कोटक का ये बयान शुक्रवार को पॉवेल द्वारा एक कड़ा संदेश देने के कुछ दिनों बाद आया है। पॉवेल ने जैक्शन पोल सिंपोजियम में संकेत दिया था कि यूएस फेड आने वाले महीनों में ब्याज दरों में ज्यादा आक्रामक तरीके से बढ़ोतरी करेगा। यूएस फेड का सबसे ज्यादा फोकस अमेरिका में 4 दशकों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई महंगाई (मुद्रास्फीति) को नियंत्रित करने पर होगा। पावेल ने जैक्सन होल में आयोजित फेडरल रिजर्व (US Federal Reserve) की सालाना आर्थिक बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि फेडरल का कर्ज को लेकर सख्त रुख जारी रहने से परिवारों एवं कारोबारों को काफी तकलीफ होगी। कर्ज की दरें महंगी होने से अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी होगी और नौकरियों के जाने का भी खतरा होगा।

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