Updater IPO Listing: फैसिलिटी मैनेजमेंट और बिजनेस सपोर्ट सर्विसेज मुहैया कराने वाली अपडेटर सर्विसेज (UDS) के शेयरों की आज घरेलू मार्केट में फीकी एंट्री हुई। इस आईपीओ को निवेशकों का मिला-जुला रिस्पांस मिला था और इसके तहत 300 रुपये के भाव पर शेयर जारी हुए हैं। इश्यू के तहत नए शेयर जारी हुए हैं और ऑफर फॉर सेल (OFS) विंडो के तहत भी शेयरों की बिक्री हुई है। कमजोर मार्केट सेंटिमेंट में आज BSE पर इसकी 299.90 रुपये के भाव पर एंट्री हुई यानी कि आईपीओ निवेशकों को कोई लिस्टिंग गेन नहीं मिला। लिस्टिंग के बाद शेयर और नीचे आए हैं। दिन के आखिरी में यह 283.85 रुपये (Updater Share Price) के भाव पर है यानी कि आईपीओ निवेशक 5 फीसदी से अधिक घाटे में हैं।
Updater Services IPO को मिला-जुला रिस्पांस
अपडेटर सर्विसेज का 640 करोड़ रुपये का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए 25-27 सितंबर के बीच खुला था। इस आईपीओ को निवेशकों का मिला-जुला रिस्पांस मिला था और एक कैटेगरी तो पूरा भर भी नहीं पाया था। ओवरऑल यह आईपीओ 2.96 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इसमें क्वालिफाईड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) का हिस्सा 4.50 गुना, नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (NII) का हिस्सा 0.89 गुना और खुदरा निवेशकों का 1.45 गुना भरा था। इस आईपीओ के तहत 10 रुपये की फेस वैल्यू वाले 1,33,33,333 नए शेयर जारी हुए हैं। इसके अलावा 80 लाख शेयरों की ऑफर फॉर सेल (OFS) विंडो के तहत बिक्री हुई है।
नए शेयरों के जरिए जुटाए गए पैसों के इस्तेमाल की बात करें तो 133 करोड़ रुपये से कर्ज चुकाया जाएगा। 115 करोड़ रुपये को वर्किंग कैपिटल की जरूरतों के लिए खर्च किया जाएगा। इसके अलावा 80 करोड़ रुपये का इस्तेमाल इनऑर्गेनिक इनिशिएटिव के लिए होगा। बाकी पैसों का उपयोग आम कॉर्पोरेट उद्देश्यों के लिए किया जाएगा। मार्च 2023 तक कंपनी की कुल कंसोलिडेटेड उधारी 176.54 करोड़ रुपये थी।
यह कंपनी फैसिलिटी मैनेजमेंट और बिजनेस सपोर्ट सर्विसेज देती है। इसके क्लाइंट्स FMCG, मैन्युफैक्चरिंग और इंजीनियरिंग, BFSI, हेल्थकेयर, IT/IteS, ऑटोमोबाइल, लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग, एयरपोर्ट्स, पोर्ट्स, इन्फ्रास्ट्रक्चर, रिटेल जैसे सेगमेंट में हैं। जून 2023 तिमाही तक के आंकड़ों के हिसाब से अलग-अलग सेक्टर में पीएंडजी, आदित्य बिरला फैशन एंड रिटेल, माइक्रोसॉफ्ट, हुंडै मोटर समेत 2797 ग्राहक हैं। कंपनी के वित्तीय सेहत की बात करें तो पिछले वित्त वर्ष इसका शुद्ध मुनाफा 40 फीसदी गिरकर 34.61 करोड़ रुपये पर आ गया। हालांकि इस दौरान रेवेन्यू 39 फीसदी से अधिक उछलकर 1,216.95 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।