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अमेरिका के फेडरल रिजर्व ने 0.25% घटाई ब्याज दर, भारतीय शेयर बाजारों को कैसे हो सकता है फायदा

फेड की ओर से बेंचमार्क ब्याज दर में कटौती के बाद अमेरिकी शेयर बाजार बुधवार को मिले-जुले रुख के साथ बंद हुए। एशियाई बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की 225, चीन का एसएसई कम्पोजिट और हांगकांग का हैंग सेंग बढ़त में रहे

Edited By: Ritika Singhअपडेटेड Oct 30, 2025 पर 4:36 PM
अमेरिका के फेडरल रिजर्व ने 0.25% घटाई ब्याज दर, भारतीय शेयर बाजारों को कैसे हो सकता है फायदा
एनालिस्ट्स का मानना ​​है कि अमेरिका में मौद्रिक नीति में ढील से भारत सहित उभरते बाजारों में विदेशी पूंजी का निवेश बढ़ सकता है।

अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने बेंचमार्क ब्याज दरों में 0.25 प्रतिशत की कटौती की है। अब अमेरिका में प्रमुख ब्याज दर गिरकर 3.75-4 प्रतिशत की रेंज में आ गई है। यह फेड की ओर से ब्याज दर में इस साल दूसरी कटौती है। इससे पहले सितंबर 2025 में भी इतना ही रेट कट किया गया था। फेड ने यह भी ऐलान किया कि वह 1 दिसंबर से अपने एसेट परचेज कटौती प्रोग्राम को बंद कर देगा। इसका मतलब है कि बाजार में अब पहले से ज्यादा लिक्विडिटी रहेगी।

फेड की ओर से बेंचमार्क ब्याज दर में कटौती के बाद अमेरिकी शेयर बाजार बुधवार को मिले-जुले रुख के साथ बंद हुए। डाउ जोन्स और S&P 500 जहां गिरावट में रहे, वहीं टेक कंपनियों के शेयरों की बदौलत Nasdaq इंडेक्स चढ़ गया। एशियाई बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की 225, चीन का एसएसई कम्पोजिट और हांगकांग का हैंग सेंग बढ़त में रहे।

भारतीय बाजारों पर असर

एनालिस्ट्स का मानना ​​है कि अमेरिका में मौद्रिक नीति में ढील से भारत सहित उभरते बाजारों में विदेशी पूंजी का निवेश बढ़ सकता है। ब्याज दर घटने से अमेरिकी बॉन्ड पर यील्ड घट जाएगी। ऐसे में हो सकता है कि विदेशी निवेशक उभरते बाजारों में ज्यादा पैसा लगाएं। ऐसे में लॉन्ग टर्म के लिए फेड का यह फैसला भारतीय बाजार के लिए पॉजिटिव रह सकता है। शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) बुधवार को सेलर रहे। उन्होंने शुद्ध रूप से 2,540.16 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।

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