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Vedanta ने फिर बढ़ाई डीमर्जर के लिए डेडलाइन, कौन से कारण रोक रहे राह

Vedanta Demerger: कंपनी तेल और गैस, जिंक, सीसा, चांदी, तांबा, स्टील और एल्यूमीनियम जैसे सेक्टर्स में ऑपरेशनल है। वेदांता की पेरेंट कंपनी वेदांता रिसोर्सेज की सीईओ देशनी नायडू उम्मीद जता चुकी हैं कि वेदांता लिमिटेड का डीमर्जर चालू वित्त वर्ष 2025-26 में पूरा हो जाएगा

Edited By: Ritika Singhअपडेटेड Oct 05, 2025 पर 8:34 AM
Vedanta ने फिर बढ़ाई डीमर्जर के लिए डेडलाइन, कौन से कारण रोक रहे राह
NCLT ने पिछले महीने वेदांता के डीमर्जर प्रपोजल पर सुनवाई 8 अक्टूबर तक के लिए टाल दी थी।

Vedanta Demerger: अनिल अग्रवाल के नेतृत्व वाली माइनिंग कंपनी वेदांता लिमिटेड ने अपने डीमर्जर के लिए डेडलाइन को मार्च 2026 के आखिर तक बढ़ा दिया है। कंपनी का कहना है कि डीमर्जर पर नेशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल (NCLT) और सरकारी अधिकारियों से मंजूरी अभी भी पेंडिंग हैं। इससे पहले डेडलाइन 31 मार्च, 2025 से बढ़ाकर 30 सितंबर 2025 कर दी गई थी। डीमर्जर के प्रपोजल को मंजूरी मिलने से कंपनी के विभिन्न बिजनेस वर्टिकल्स के अलग-अलग एंटिटी बनने का रास्ता साफ हो जाएगा।

वेदांता ने इस सप्ताह एक फाइलिंग में कहा, "प्लान की पूर्व शर्तें पूरी होने की प्रक्रिया में हैं। इन शर्तों में NCLT, मुंबई बेंच की मंजूरी और कुछ सरकारी अधिकारियों से मंजूरी शामिल हैं। इसलिए कंपनी के बोर्ड और रिजल्टिंग कंपनियों ने... पूर्व शर्तों को पूरा करने की डेडलाइन 30 सितंबर, 2025 से बढ़ाकर 31 मार्च, 2026 करने का फैसला किया है।"

कितने हिस्सों में बंटने वाला है बिजनेस

वेदांता ने पहले कहा था कि डीमर्जर के बाद उसके मौजूदा कारोबारों को 6 स्वतंत्र कंपनियों- वेदांता एल्यूमीनियम, वेदांता ऑयल एंड गैस, वेदांता पावर, वेदांता स्टील एंड फेरस मैटेरियल्स, वेदांता बेस मेटल्स और वेदांता लिमिटेड में बांटा जाएगा। हालांकि, बाद में कंपनी ने प्लान में बदलाव किया और बेस मेटल अंडरटेकिंग को पेरेंट कंपनी के अंदर ही रखने का फैसला किया।

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