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केवल 10 महीनों की मेहमान है Vodafone Idea! कहा- नहीं मिली सरकारी मदद तो खटखटाना पड़ेगा NCLT का दरवाजा

अगर Vodafone Idea नेशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल में जाती है तो 20 करोड़ से अधिक ग्राहक प्रभावित हो सकते हैं। वोडाफोन आइडिया ने अपनी स्पेक्ट्रम देनदारियों को इक्विटी में बदलकर सरकार को हिस्सेदारी दी है। अब कंपनी में सरकार के पास 49% इक्विटी स्टेक है

Edited By: Ritika Singhअपडेटेड May 16, 2025 पर 3:50 PM
केवल 10 महीनों की मेहमान है Vodafone Idea! कहा- नहीं मिली सरकारी मदद तो खटखटाना पड़ेगा NCLT का दरवाजा
वोडाफोन आइडिया का कहना है कि सरकारी सपोर्ट के अभाव में, सरकार की इक्विटी हिस्सेदारी की वैल्यू जीरो हो सकती है।

कर्ज में डूबी टेलिकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया लिमिटेड (Vodafone Idea Ltd) शायद बहुत ज्यादा दिनों तक न चल पाए और दिवालिया हो जाए। ऐसा हमारा नहीं बल्कि खुद कंपनी का कहना है। वोडाफोन आइडिया ने सरकार को चेतावनी दी है कि सरकार के सपोर्ट के बिना वह वित्त वर्ष 2025-26 से आगे काम नहीं कर पाएगी। उसे दिवालियापन यानि इनसॉल्वेंसी के लिए नेशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल (NCLT) का दरवाजा खटखटाना पड़ेगा।

Vodafone Idea का कहना है कि सरकारी सपोर्ट के अभाव में, सरकार की इक्विटी हिस्सेदारी की वैल्यू जीरो हो सकती है। नतीजतन, कंपनी से 1.18 लाख करोड़ रुपये के स्पेक्ट्रम बकाया की वसूली नहीं हो पाएगी। कंपनी ने यह भी दावा किया कि उसे 26,000 करोड़ रुपये के इक्विटी इनफ्यूजन और सरकार की ओर से कंपनी में हिस्सेदारी ले लेने के बावजूद बैंकों से सपोर्ट नहीं मिला है।

सरकारी सपोर्ट के बिना आगे नहीं बढ़ सकेगी बैंक फंडिंग

वोडाफोन आइडिया ने सरकार से कहा कि उसके सपोर्ट के बिना बैंक फंडिंग आगे नहीं बढ़ पाएगी और कंपनी वित्त वर्ष 2026 से आगे ऑपरेट नहीं कर पाएगी। अगर सरकारी मदद नहीं मिलती है और वोडाफोन आइडिया अपने एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) बकाया का पेमेंट करने में नाकाम रहती है, तो कंपनी को NCLT का दरवाजा खटखटाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा, जो एक लंबी प्रक्रिया हो सकती है।

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