केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ब्लू और क्रीम कलर की कंठा हैंडवर्क साड़ी को बजट सत्र के दौरान पहना।
ये साड़ी खास तसर रेशम से तैयार की गई है। ये रेशम अपनी तांबे जैसी चमक के लिए जाना जाता है। तसर भारत की जनजातियों से गहराई से जुड़ा हुआ है। दुल्हन की कपड़ों में कम से कम एक तसर रेशम से बनी साड़ी तो दी ही जाती है।
कांथा पश्चिम बंगाल साड़ी बनाने की एक खास कला है। इस एंब्रॉयडरी में सिलाई के लिए 'रनिंग स्टिच' प्रक्रिया का उपयोग किया जाता है। पारंपरिक रूप से इसे क्विल्ट्स, धोती और साड़ी पर ही बुना जाता था।
कांथा भारतीय कढ़ाई की सबसे प्राचीन कला है। इस कढ़ाई की मदद से पुराने कपड़ों और मटेरियल का दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है। यही कारण है कि यह अपनी तरह की एक अद्भुत कढ़ाई है।
महिलाएं 4-5 साड़ियों की लेयरिंग करती हैं और फिर अलग-अलग सिलाई से उन्हें एक साथ तैयार करती हैं। कांथा चिथड़े के कपड़े सिलने की सदियों पुरानी परंपरा है, जो पश्चिम बंगाल और ओडिशा और बांग्लादेश में विकसित हुई है।