इस पीढ़ी का नाम "बीटा" इसलिए रखा गया क्योंकि यह "अल्फा जनरेशन" के बाद की पीढ़ी है। नामकरण का यह तरीका सामाजिक शोधकर्ता मार्क मैकक्रिंडल ने दिया, जो बताते हैं कि हर नई जनरेशन के साथ इतिहास का एक नया अध्याय शुरू होता है। जनरेशन बीटा का नाम यह दर्शाता है कि यह एक नई तकनीकी क्रांति का प्रतीक है, जहां जीवन का हर पहलू तकनीक से प्रभावित होगा। (Image source: Canva)
एक अद्भुत तथ्य यह है कि जनरेशन बीटा के बच्चे 22वीं सदी में कदम रखेंगे। यह अवसर हर जनरेशन को नहीं मिलता। वे 21वीं और 22वीं सदी दोनों के गवाह होंगे, जो उन्हें अद्वितीय अनुभव और समझ प्रदान करेगा। यह पीढ़ी न केवल तकनीकी उन्नति बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक बदलावों का भी हिस्सा बनेगी। (Image source: Canva)
2035 तक, जनरेशन बीटा दुनिया की 16% आबादी का हिस्सा बन जाएगी। यह पीढ़ी तकनीक को हर क्षेत्र में अपनाएगी और समाज, संस्कृति, और विज्ञान में महत्वपूर्ण बदलाव लेकर आएगी। ये बच्चे डिजिटल युग के नए नायक होंगे। (Image source: Canva)
जनरेशन बीटा के बच्चे ऐसी दुनिया में बड़े होंगे, जो पूरी तरह तकनीकी नवाचारों पर आधारित होगी।(image source: canva)
टेक्नोलॉजी का दौर जितना रोमांचक होगा, उतनी ही नई चुनौतियां भी लेकर आएगा। (Image source: Canva)
हर पीढ़ी का नाम उसके समय के बदलावों और समाज की स्थितियों के आधार पर रखा जाता है। (Image source: Canva)
बीटा जनरेशन तकनीक के साथ पैदा होगी और उसे बेहतर बनाएगी। इन बच्चों की दुनिया में रोबोट और वर्चुअल रियलिटी साधारण चीजें होंगी। यह पीढ़ी सिर्फ तकनीक का इस्तेमाल नहीं करेगी, बल्कि उसमें सुधार करेगी। वे एक ऐसी दुनिया बनाएंगे, जो पहले की तुलना में अधिक उन्नत और सुरक्षित होगी। (Image source: Canva)
जनरेशन बीटा सिर्फ तकनीकी बदलावों का हिस्सा नहीं बनेगी, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक बदलावों में भी अपनी भूमिका निभाएगी। यह पीढ़ी अपने साथ नए इनोवेशन, सोच, और ऊर्जा लेकर आएगी। ये बच्चे भविष्य के लीडर होंगे, जो एक बेहतर दुनिया बनाने में योगदान देंगे। (Image source: Canva)