भारत में घरेलू हवाई यातायात Covid-19 के दिनों से दिसंबर में रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया है। महीने के पहले नौ दिनों में सात मौकों पर घरेलू यात्रियों की संख्या 4 लाख को पार कर गई है।
दर्जनों की संख्या में लोग सोशल मीडिया पर उड़ान भरने से पहले लगभग हर कदम पर लग रहे काफी समय और लंबा इंतजार करने की शिकायतें कर रहे हैं।
ये समस्या सिर्फ दिल्ली ही नहीं, बल्कि मुंबई और दूसरे बड़े शहरों के एयरपोर्ट पर भी देखने को मिल रही है। विडंबना यह है कि दिल्ली T3 और मुंबई T2 देश में सबसे सम्मानित हवाई अड्डे के टर्मिनल हैं।
टर्मिनल के अंदर जाने से लेकर सिक्योरिटी और इमिग्रेशन के लिए कतार में लगने तक लोगों को समस्यों का सामना करना पड़ रहा है। ये शिकायतें उन एरिया के इर्द-गिर्द घूमती हैं, जहां हवाई अड्डे के संचालकों का सीधा कंट्रोल नहीं होता है।
यात्रियों को हवाई अड्डे के अंदर जाने के लिए लंबी-ली लाइनों में इंतजार करन पड़ रहा है। ये लाइनें एंट्री गेट पर, जहां अनिवार्य आईडी जांच और टिकट जांच की जाती है, वहां से ही शुरू हैं।
इसके बाद कुछ मामलों में चेक-इन पर लंबी कतारों की शिकायतें भी आ रही हैं। लेकिन सबसे बड़ी शिकायतें सिक्योरिटी लाइनों से हैं और वो भी ज्यादातर दिल्ली T3 से हैं।
ये सब समस्याएं तब हो रही हैं, जब Covid-19 से पहले के 72 डेस्टिनेशन की तुलना में अब 78 शहरों से जुड़ने के बावजूद दिल्ली एयरपोर्ट पर पैसेंजर्स की संख्या Covid-19 की शुरुआत से पहले के नंबर से ज्यादा नहीं हुई है।
असल समस्या की वजह डायल (DIAL) का एक्सपेंशन है। इसके चलते T3 के जरिये ज्यादा पैसेंजर उड़ान भर रहे हैं। हालांकि, एयरपोर्ट ने T1 पर एक अराइवल फैसिलिटी खोली है, लेकिन एक्सपेंशन पूरा होने तक समस्या का समाधान होने की उम्मीद कम है।
सितंबर के आखिर तक हवाईअड्डा विस्तार प्रोजेक्ट केवल 73.2 प्रतिशत ही पूरा हो पाया था। इस प्रोजेक्ट में 66 मिलियन वार्षिक यात्रियों की क्षमता को 100 मिलियन करने का टारगेट सेट किया गया है।
सिविल एविएशन मीनिस्ट्री (Ministry of Civil Aviation) ने IGI एयरपोर्ट पर बढ़ती भीड़भाड़ को कम करने के लिए कई तरह के उपाय किए हैं। सरकार ने इसके लिए 4 प्वाइंट एक्शन प्लान (4-point action plan) तैयार किया है। दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डायल) के साथ चर्चा के बाद तैयार इस प्लान को तुरंत प्रभाव से लागू किया जाएगा।