वर्ल्ड वाइल्डलाइफ डे के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के गिर नेशनल पार्क में एक रोमांचक लायन सफारी की। इस सफारी का मुख्य उद्देश्य एशियाई शेरों के संरक्षण को बढ़ावा देना था। इस दौरान उन्होंने गिर के जंगलों की खूबसूरती का आनंद लिया और वहां के वन्यजीवों को करीब से देखने का अनुभव प्राप्त किया।
कैमरा हाथ में लिए दिखे पीएम मोदी, जंगल की खूबसूरती को किया कैद
सफारी के दौरान पीएम मोदी कैमोफ्लाज ड्रेस में नजर आए और हाथ में कैमरा लेकर एशियाई शेरों के शानदार नजारे को कैद किया। इस सफर में उनके साथ कई वरिष्ठ मंत्री और वन अधिकारी भी मौजूद थे। गिर जंगल इन शेरों का एकमात्र प्राकृतिक रहने की जगह है, जहां पीएम मोदी ने इन्हें नजदीक से देखा।
सोमनाथ मंदिर में पूजा के बाद गिर में रात बिताई
पीएम मोदी इस सफारी से पहले सोमनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना करने गए थे। वहां से लौटने के बाद उन्होंने गुजरात वन विभाग के ऐतिहासिक गेस्ट हाउस 'सिंह सादन' में रात बिताई। अगले दिन सुबह जल्दी ही वे गिर जंगल में सफारी के लिए रवाना हुए।
गिर नेशनल पार्क: एशियाई शेरों का अंतिम घर
गिर नेशनल पार्क आज एशियाई शेरों का एकमात्र सुरक्षित निवास स्थान है। वर्तमान में ये शेर गुजरात के 9 जिलों में फैले 53 तालुकों में 30,000 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में पाए जाते हैं। राज्य सरकार ने इनके संरक्षण के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं, जिनमें जूनागढ़ जिले के न्यू पीपल्या में 20.24 हेक्टेयर में बनने वाला राष्ट्रीय वन्यजीव केंद्र भी शामिल है।
नेशनल बोर्ड फॉर वाइल्डलाइफ की बैठक की अध्यक्षता करेंगे पीएम
सफारी के अलावा, पीएम मोदी गिर में नेशनल बोर्ड फॉर वाइल्डलाइफ (NBWL) की सातवीं बैठक की अध्यक्षता भी करेंगे। इस बैठक में देश के वन्यजीव संरक्षण से जुड़े अहम फैसले लिए जाएंगे। इस बोर्ड में 47 सदस्य होते हैं, जिनमें मुख्य वन्यजीव वार्डन,अलग-अलग राज्यों के प्रतिनिधि, एनजीओ और सेना प्रमुख भी शामिल होते हैं।
गुजरात सरकार की शेर संरक्षण की नीति
गुजरात सरकार एशियाई शेरों के संरक्षण में हमेशा आगे रही है। शेरों के प्राकृतिक आवास को बचाने, अवैध शिकार रोकने और उनकी संख्या बढ़ाने के लिए कई योजनाएं लागू की गई हैं। इन प्रयासों के कारण गिर नेशनल पार्क भारत के सबसे सफल वन्यजीव संरक्षण स्थलों में से एक बन गया है।
गिर सफारी का मजा लेने का सही समय
अगर पीएम मोदी की गिर यात्रा ने आपको भी प्रेरित किया है, तो मार्च का महीना इस सफारी का आनंद लेने के लिए बेहतरीन समय है। इस मौसम में जंगल के पेड़-पौधे कम हो जाते हैं, जिससे वन्यजीवों को देखना आसान हो जाता है। गिर नेशनल पार्क में लायन सफारी बुक कर आप भी इस रोमांचक अनुभव का हिस्सा बन सकते हैं।
पीएम मोदी की यात्रा से गिर पर दुनिया की नजर
प्रधानमंत्री की इस यात्रा ने गिर के वन्यजीव संरक्षण को लेकर अंतरराष्ट्रीय ध्यान आकर्षित किया है। यह सही समय है जब लोग इस खूबसूरत जंगल को देखने आएं और एशियाई शेरों की भव्यता को करीब से देखें।
पर्यावरण संरक्षण का संदेश
पीएम मोदी की इस यात्रा ने वन्यजीव और पर्यावरण संरक्षण के महत्व को भी उजागर किया। गिर के जंगलों का संरक्षण न केवल एशियाई शेरों के लिए जरूरी है, बल्कि ये पूरे पारिस्थितिकी तंत्र को संतुलित रखने में भी अहम भूमिका निभाता है।
गिर की यात्रा: रोमांच और प्रकृति प्रेमियों के लिए स्वर्ग
जो लोग प्रकृति और वन्यजीवों से प्रेम करते हैं, उनके लिए गिर नेशनल पार्क एक स्वर्ग के समान है। यहां न केवल शेर, बल्कि कई अन्य दुर्लभ प्रजातियां भी पाई जाती हैं, जो इस जंगल को और भी खास बनाती हैं।
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वन्यजीवों के संरक्षण के प्रति एक नई पहल
पीएम मोदी की गिर यात्रा केवल एक सफारी नहीं थी, बल्कि यह वन्यजीव संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने और प्रकृति के प्रति हमारी जिम्मेदारी को समझने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी था।