
शुरूआती दिनों में किराया बेहतर
शुरुआती दिनों में किराए पर रहना बेहतर होता है क्योंकि आपको डाउन पेमेंट या लोन की चिंता नहीं होती। लेकिन किराया हर साल बढ़ता रहता है, जो दीर्घकाल में आपका ज्यादा खर्च बढ़ा सकता है।
EMI में होती है संपत्ति की खरीद
EMI के जरिए आप हर महीने अपनी संपत्ति के मालिक बनते जाते हैं। शुरुआती खर्च ज्यादा होते हैं, लेकिन समय के साथ आपकी पूंजी बनती है जो भविष्य में आपकी मदद करती है।
नौकरी की स्थिरता मायने रखती है
अगर आपकी नौकरी स्थिर है और आय नियमित रूप से बढ़ रही है तो EMI देना बेहतर विकल्प हो सकता है। अनिश्चित नौकरी में किराया लेना अधिक लचीला होता है।
टैक्स लाभ का फायदा
होम लोन पर मिल रहा टैक्स लाभ EMI को सस्ता बनाता है। वहीं, किराये पर रहने पर ऐसे लाभ नहीं मिलते।
किराया बढ़ता रहता है
किराया फीस हर साल बढ़ता रहता है और बिना संपत्ति बनाए खर्च बढ़ाने का सिलसिला चलता रहता है।
घर को किराये पर देकर EMI निकाली जा सकती है
अपने घर को किराये पर देकर EMI की किश्तें निकाली जा सकती हैं, जिससे आर्थिक दबाव कम होता है।
सही विकल्प चुनना आपकी व्यक्तिगत स्थिति, आय और योजना पर निर्भर करता है, इसलिए निर्णय करते समय इन सब बातों को ध्यान में रखें।