1. बिना निवेश के दिखाया 80C डिडक्शन
कई लोग ELSS, PPF या LIC में निवेश किए बिना ही 80C के तहत ₹1.5 लाख का डिडक्शन क्लेम कर देते हैं। लेकिन, अब टैक्स विभाग फॉर्म 26AS और AIS से यह क्रॉसचेक कर रहा है। इसके जरिए गलत दावे पकड़ में आ रहे हैं।
2. फर्जी HRA क्लेम करना पड़ सकता है भारी
कुछ कर्मचारी किराए पर न रहते हुए भी HRA डिडक्शन ले लेते हैं। लेकिन विभाग अब मकान मालिक के PAN और बैंक ट्रांजैक्शन से इन दावों की जांच कर रहा है।
3. फर्जी होम लोन इंटरेस्ट क्लेम
अगर आपने कोई होम लोन नहीं लिया और फिर भी सेक्शन 24(b) के तहत ब्याज का डिडक्शन दिखाया है, तो लोन स्टेटमेंट न होने पर आपका दावा खारिज हो सकता है।
4. मेडिकल खर्च दिखाने में गड़बड़ी
इनकम टैक्स की धारा 80DDB या 80U के तहत मेडिकल खर्च या विकलांगता से जुड़े डिडक्शन के लिए प्रमाण पत्र जरूरी होता है। बिना डॉक्यूमेंट के क्लेम करने पर जांच और पेनल्टी हो सकती है।
5. एजुकेशन लोन का झूठा ब्याज डिडक्शन
धारा 80E के तहत एजुकेशन लोन का इंटरेस्ट दिखाने वाले कई लोग फर्जी लोन डिटेल डालते हैं। लेकिन बैंक से सीधे डेटा लेकर अब विभाग इसे पकड़ सकता है।
6. डोनेशन पर भी टैक्स छूट की गड़बड़ियां
कुछ लोग पुराने या नकली NGO के नाम पर डोनेशन दिखाकर 80G के तहत डिडक्शन लेते हैं। अब यह क्रॉसवेरिफिकेशन NGO की वैधता और रसीदों से किया जा रहा है।
7. सेक्शन 80TTA/80TTB में ओवरक्लेमिंग
बैंक इंटरेस्ट डिडक्शन की सीमा ₹10,000 (80TTA) और ₹50,000 (80TTB) है, लेकिन कुछ लोग इससे ज्यादा दिखा देते हैं। AIS में सेविंग्स इंटरेस्ट की एंट्री से यह गड़बड़ी साफ पकड़ी जा सकती है।
8. टैक्स सेविंग के नाम पर गलत सलाह
कुछ फ्रॉड किस्म के लोग टैक्स बचाने के लिए फर्जी डिडक्शन भरने की सलाह देते हैं। लेकिन पकड़े जाने पर पूरी जिम्मेदारी टैक्सपेयर्स की होती है और सजा भी उन्हीं को मिलती है। ऐसे में आपको इससे बचना चाहिए।