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Daily Voice निफ्टी में अगली दिवाली तक 20000 का स्तर मुमकिन, बैंकिग और डिफेंस में अच्छे मौके

सोनम ने कहा कि अगले साल से केंद्रीय बैंक अपने मौद्रिक नीतियों में नरमी लाते नजर आ सकते हैं। ब्याज दरों में गिरावट का दौर शुरू हो सकता है। इसी अवधि में महंगाई भी ठंडी पड़ती नजर आ सकती है

Edited By: Sudhanshu Dubeyअपडेटेड Oct 24, 2022 पर 9:50 AM
Daily Voice निफ्टी में अगली दिवाली तक 20000 का स्तर मुमकिन, बैंकिग और डिफेंस में अच्छे मौके
ग्लोबल बाजार की तमाम चुनौतियों के बावजूद भारतीय इकोनॉमी और बाजार तुलनात्मक रूप से काफी मजबूत रहे हैं। जिसका फायदा आगे भारतीय बाजार को मिलेगा

उम्मीद के मुताबिक, अगर इकोनॉमिक स्थितियों में सकारात्मक बदलाव होते हैं तो निफ्टी में अगली दिवाली तक 20,000 का स्तर दिखना नामुमकिन नहीं है। हालांकि जियो पॉलिटिकल स्थिति में किसी अप्रत्याशित बदलाव की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। अगर इसमें कोई बड़ी गड़बड़ होती है तो पूरा खेल बिगड़ सकता है। ये बातें राइट रिसर्च की सोनम श्रीवास्तव ने मनीकंट्रोल के साथ हुई बातचीत में कही हैं। बतातें चलें कि सोनम श्रीवास्तव राइट रिसर्च की फाउंडर हैं और इनको इक्विटी रिसर्च और पोर्टफोलियो मैनेजमेंट का 9 साल से ज्यादा का अनुभव है।

सोनम ने इस बातचीत में आगे कहा कि इस समय बैंकिंग और फाइनेंशियल सर्विस से जुड़े स्टॉक में काफी अच्छे मौके नजर आ रहे हैं। हमको इन सेक्टरों के क्वालिटी शेयरों में खरीदारी शुरू कर देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि फेस्टिव सीजन को ध्यान में रखते हुए खपत से जुड़े शेयरों ऑटो, कंज्यूमर डिस्क्रीशनरी और FMCG स्टॉक काफी अच्छे नजर आ रहे हैं। ज्वेलरी और FMCG सेगमेंट के कुछ स्टॉक पहले से ही आउटपरफॉर्म करते दिख रहे हैं। निवेशकों और ट्रेडरों को चेताते हुए सोनम ने आगे कहा कि फेस्टिव सीजन के जोश के बावजूद हमें ग्लोबल बाजार की बढ़ती उठापटक, बढ़ती महंगाई और डॉलर के मुकाबले कमजोर होते रुपये को ध्यान में रखने की जरूरत है।

रुपये की कमजोरी के चलते आईटी और फर्मा शेयर आकर्षक नजर आ सकते हैं। इसके अलावा बैंकिंग सेक्टर के नतीजों के अच्छे रहने के अनुमान के बीच बैंकिंग शेयर भी अच्छे नजर आ रहे हैं। बाजार पर बात करते हुए सोनम ने कहा कि अगले साल से केंद्रीय बैंक अपने मौद्रिक नीतियों में नरमी लाते नजर आ सकते हैं। ब्याज दरों में गिरावट का दौर शुरू हो सकता है। इसी अवधि में महंगाई भी ठंडी पड़ती नजर आ सकती है। ग्लोबल स्थितियों के अनुकूल होने के साथ ही भारत निवेश के बेहतर विकल्प के रूप में उभरकर सामने आएगा।

ग्लोबल बाजार की तमाम चुनौतियों के बावजूद भारतीय इकोनॉमी और बाजार तुलनात्मक रूप से काफी मजबूत रहे हैं। जिसका फायदा आगे भारतीय बाजार को मिलेगा।

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