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'छोटा लड़का बड़ा डर', अल नीनो का भारत के ऑटो सेक्टर पर क्या होगा असर

अल नीनो को ग्रोथ का दुश्मन और मॉनसून का काल माना जाता है। इससे मॉनसून प्रभावित होने से खेती बाड़ी को नुकसान हो सकता है। इसके साथ ही ऑटो कंपनियों की बिक्री पर इसका असर पड़ता है। जिससे इकोनॉमी प्रभावित होती है। भारत के कृषि सेक्टर की देश के GDP में 20% हिस्सेदारी है। ऑटो कंपनियों की ग्रोथ पर असर होता है

Sunil Guptaअपडेटेड Feb 24, 2023 पर 5:05 PM
'छोटा लड़का बड़ा डर', अल नीनो का भारत के ऑटो सेक्टर पर क्या होगा असर
अल नीनो की वजह से सूखे की आंशका 60 प्रतिशत, कम बारिश की आशंका 30 प्रतिशत तक बढ़ जाती है। जबकि सामान्य बारिश का अनुमान केवल 10 प्रतिशत ही रहता है

अल नीनो (EL NINO) पर अमेरिकी मौसम एजेंसी की ताजा रिपोर्ट ने टेंशन बढ़ा दी है। अल नीनो के चलते इस साल कम बारिश की आशंका है। अल नीनो से खेती पर असर तो पड़ता ही है। इसके साथ ग्रामीण इकोनॉमी पर भी इसका असर दिखाई देता है। भारत कृषिप्रधान देश होने के कारण इसकी अर्थव्यवस्था कृषि पर होने वाले किसी भी सकारात्मक या नकारात्मक असर से प्रभावित होती है। इसके साथ ही अल नीनो की मार ऑटो सेक्टर पर भी पड़ती है। ऑटो कंपनियों पर भी पड़ती है। अल नीनो एक स्पैनिश शब्द है। जिसका मतलब छोटा लड़का होता है। लेकिन अर्थव्यवस्था पर इस छोटे लड़के का बड़ा डर दिखाई पड़ सकता है।

ग्रोथ का दुश्मन! मॉनसून का काल

अल नीनो का ऑटो कंपनियों पर क्या असर पड़ सकता है ये बताते हुए सीएनबीसी-आवाज़ के नीरज वाजपेयी ने कहा कि अल नीनो आने से ग्रोथ पर असर पड़ता है। इसे ग्रोथ का दुश्मन माना जाता है। इसे मानसून के लिए भी बुरा माना जाता है। अल नीनो को मानसून का काल भी माना जाता है। कमजोर मॉनसून से खेती-बाड़ी को झटका लग सकता है। कृषि की देश के GDP में 20% हिस्सेदारी है। ऑटो कंपनियों की ग्रोथ पर असर होता है।

अल नीनो एल निनो से क्यों लगता है डर?

अल नीनो से मानसून में कमी आती है। इसकी चेतावनी जारी होने पर सूखे का डर सताने लगता है। अल नीनो की वजह से सूखे की आंशका 60 प्रतिशत तक रहती है। जबकि कम बारिश की आशंका 30 प्रतिशत तक बनी रहती है। वहीं सामान्य बारिश का अनुमान केवल 10 प्रतिशत ही रहता है।

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